नई दिल्ली :कोरोना महामारी के चलते दुनिया सहित भारत में वर्क फ्रॉम होम (घर से काम) करने का कल्चर खूब चला पर इससे भारतीय चिड़चिड़ापन, तनाव की असहज स्थिति का सामना कर रहे हैं। इसका मुख्य कारण- काम और निजी जीवन में फर्क नहीं कर पाना। इसके अलावा कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाने का डर भी इसमें शामिल है। यह ट्रेंड माइक्रोसॉफ्ट के हालिया वर्क ट्रेंड इंडेक्स रिपोर्ट से सामने आया है कि भारत में पिछले छह माह के दौरान एक तिहाई काम करने वाले लोगों में बर्नआउट की समस्या बढ़ी है। माइक्रोसॉफ्ट ने भारत, सिंगापुर, जापान, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों सहित कुल आठ देशों के 6 हजार काम करने वाले लोगों पर सर्वे किया। माइक्रोसॉफ्ट मीटिंग एप के जरिये किये गए सर्वे में पाया गया कि इन देशों में भारत दूसरे स्थान पर है, जिसमें काम करने वाले लोगों में असहजता की दर में वृद्धि हुई है। माइक्रोसॉफ्ट वर्क ट्रेंड इंडेक्स में सामने आया कि 41 फीसदी वर्कफ़ोर्स भारत में बढ़े हुए तनाव का सामना कर रहा है और इसमें मुख्य कारण निजी जीवन और काम में फर्क नहीं होना है। इससे उनका अच्छा जीवन भी प्रभवित हुआ है। इसका कारण ऑफिस के लोगों के साथ लम्बी बातचीत, काम करने के बढ़े हुए घंटे और समय की कोई तय सीमा नहीं होना है।
सर्वे के 23 फीसदी लोगों का कहना है कि मीटिंग्स की अधिकता और समय पर फोकस नहीं होने से तनाव का स्तर बढ़ा है। इसमें माइक्रोसॉफ्ट मीटिंग्स के डाटा में भी पाया गया कि अब लोग हर दिन काफी ज्यादा मीटिंग्स में रहते हैं और शाम 5 से रात 9 बजे के समय यह ज्यादा होता है। सर्वे में पाया गया कि जबसे वर्क फ्रॉम शुरू हुआ है, भारत में औसतन एक घंटा काम का बढ़ गया है। माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के कंट्री हेड सामिक रॉय ने कहा कि पिछले छह महीनों में हमने देखा है कि कैसे कोविड-19 ने दूर से काम करने का एक युग बनाया है। इसने एक नए कार्यस्थल का विकास किया है। बिजनेस में काम करने के नए तरीकों को अपनाया गया है। कर्मचारियों पर काम करने के कई प्रभावों की जांच करना अहम है। यह हमारे सभी ग्राहकों और उपयोगकर्ताओं को प्रासंगिक और समय पर समाधान प्रदान करने में हमारी मदद कर रहा है।