नई दिल्ली (New Delhi). जानलेवा कोरोना (Corona virus) के पीड़ितों के लिए मोटापा खतरनाक साबित हो सकता है. यह दावा किया गया है एक ताजा रिपोर्ट में. फ्रांस की सरकार (Government) को सलाह देने वाली वैज्ञानिक परिषद के प्रमुख प्रोफेसर जीन डेल्फ्रेसी ने कहा है कि मोटापे के बढ़ते स्तर के कारण अमेरिकियों को कोरोना से विशेष रूप से खतरा है.
फ्रांस के महामारी (Epidemic) विशेषज्ञों का कहना है कि यहां के 25 फीसद लोग गंभीर रूप से उम्र, पूर्व-मौजूदा समस्याओं या मोटापे के कारण वायरस के खतरे में आए थे. अमेरिका में वर्तमान में 42.4 फीसद वयस्क आबादी मोटापे का शिकार है, जिसमें 18.5 प्रतिशत बच्चे शामिल हैं. असल में मोटापा अपने आप में बहुत सारी बीमारियों की जड़ है. पिछले एक दशक में यह पूरे विश्व में महामारी (Epidemic) की तरह तेजी से फैला है. सिर्फ मोटापे की वजह से हर साल लाखों लोगों की मृत्यु हो जाती है.मोटापे का फ्लू से गहरा संबंध है. यूरोप के नेशनल हेल्थ सर्विस के अनुसार शरीर में ज्यादा चर्बी एक तरह से कोरोना को आमंत्रण है. अकेले इंग्लैंड में कोरोना के 63 फीसद मरीज ऐसे हैं जो मोटे हैं.ये सब आंकड़े बताते हैं कि मोटे लोगों को अधिक सावधान रहने की जरूरत है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) (डब्ल्यूएचओ) ने मोटापे को स्वास्थ्य के 10 मुख्य जोखिमों में से एक बताया है. मोटापा इसलिए भी बड़ी समस्या है, क्योंकि यह डायबिटीज और कैंसर जैसी कई अन्य बीमारियों का भी कारण बनता है. एक शोध के अनुसार वैज्ञानिकों ने 1995 से 2014 के दौरान 30 तरह के कैंसर पर अध्ययन किया. इनमें 12 प्रकार के कैंसर ऐसे थे, जो मोटापे के कारण होते हैं. अमेरिकन कैंसर सोसायटी के विशेषज्ञों के अनुसार मोटापे से निपटने में सही खानपान और व्यायाम की अहम भूमिका होती है. इसमें स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों को भी जिम्मेदारी निभानी होगी.
मुश्किल से एक तिहाई युवाओं को ही मोटापे के खतरे और इससे बचने के उपायों के बारे में कोई बताता है. भारत की पांच फीसद आबादी गंभीर रूप से ज्यादा वजन का शिकार है. बच्चों में बढ़ते मोटापे के हिसाब से भारत चीन के बाद विश्व में दूसरे नंबर पर है. हमें अब पर्याप्त पोषण के साथ ही 'सही' पोषण पर भी ध्यान देना होगा.पहले भी कई अध्ययनों में यह साफ हो चुका है कि मोटे लोग संक्रमण से अधिक शिकार होते हैं. इन्हें फेफड़े से संबंधित बीमारियों के होने की आशंका भी ज्यादा रहती है. मोटे लोगों के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता उतनी अच्छी नहीं होती, क्योंकि ये लोग फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स वाले भोजन नहीं करते. इससे इनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है. मोटे लोगों की सांस भी जल्दी फूलने लगती है, इसलिए इनके शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन की भरपूर मात्र नहीं पहुंच पाती और संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है.