भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने 27 दिनों के भीतर एक दूसरे बड़े पर्वतारोहण अभियान में उत्तराखंड में 21,615 फीट ऊंची गंगोत्री-2 चोटी पर चढ़ने में सफलता हासिल की है। गंगोत्री-2 शिखर को चढ़ाई करने के लिए भारत में तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण चोटियों में से एक माना जाता है, जहां भारतीय शूरवीरों ने कोरोना काल में तिरंगा लहराया।
बर्फ से ढकी यह चोटी उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में स्थित है। अर्धसैनिक बल ने कहा कि क्षेत्रीय मुख्यालय आईटीबीपी देहरादून के पर्वतारोहण अभियान के नौ सदस्यों का दल 26 सितंबर को सफलतापूर्वक बर्फ से लदी इस चोटी के शिखर पर पहुंचा। टीम ने नौ सितंबर को उत्तरकाशी से अभियान की शुरुआत की थी। इससे पहले 31 अगस्त 2020 को आईटीबीपी ने हिमाचल प्रदेश के लियो परगिल चोटी को छुआ था। सुरक्षा बल ने कोविड-19 के समय में इस तरह का दूसरे बड़े अभियान को सफलापूर्वक पूरा करने का रिकॉर्ड कायम किया है।
आईटीबीपी के अनुसार, इसकी नौ सदस्यीय टीम 26 सितंबर को लगातार आठ घंटे की चढ़ाई के बाद गंगोत्री-2 शिखर पर सफलतापूर्वक सुबह 8.20 बजे पहुंचने में सफल रहे। इस बेहद चुनौतीपूर्ण अभियान दल की अगुवाई उप कमांडेंट दीपेंद्र सिंह मान कर रहे थे। इसके अलावा असिस्टेंट कमांडेंट भीम सिंह इसके डिप्टी लीडर थे। इसके अलावा इस दल में हेड कांस्टेबल राजेश चंद्र रमोला, कांस्टेबल प्रदीप पंवार, सतेंद्र कुंडी, हरेंद्र सिंह, अशोक सिंह राणा, अरुण प्रसाद और गोविंद प्रसाद शामिल रहे।
आईटीबीपी ने अब तक 214 से ज्यादा पर्वतारोहण अभियानों को सफलतापूर्वक पूरा किया है। यह इस पर्वतारोही बल का अनूठा और अद्वितीय रिकॉर्ड है। कोरोना काल में भी आईटीबीपी ने दो बड़े पर्वतारोहण अभियानों को सफल बनाकर सकारात्मक संदेश दिया है।
आईटीबीपी गृह मंत्रालय के तहत काम करता है और इसके जवान दुर्गम चोटियों पर देश की सुरक्षा में तैनात रहते हैं। यह सात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में से एक है। सुरक्षा बल के ऊपर भारत-चीन सीमा के 3,488 किलोमीटर के दायरे की रखवाली की जिम्मेदारी है।
न्यूज स्त्रोत आईएएनएस