नई दिल्ली: बदलते मौसम में सांस की तकलीफ, बाहर से आने वाले मरीजों की बड़ी संख्या और देश में बड़े त्योहारों समारोहों को को ध्यान में रखते हुए, हर रोज कोरोना के 15,000 नये मामलों के लिए दिल्ली सरकार को तैयार रहने की बहुत आवश्यकता है. NCDC की रिपोर्ट में आगाह किया है. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समूह के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में दिल्ली सरकार से इसके लिए व्यवस्था करने की सिफारिश की गई है.
NCDC ने अपनी 'कोविड-19 के नियंत्रण के लिए संशोधित रणनीति के संस्करण 3.0' में बताया कि 'दिल्ली में समग्र कोविड-19 मामले में मृत्यु दर 1.9 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 1.5 प्रतिशत से अधिक है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां तक संभव हो मृत्यु दर को कम करना महामारी के प्रबंधन के प्रमुख उद्देश्यों में से एक होना चाहिए.' बताते चले कि दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले 3 लाख के पार पंहुच गया है.
बीते गुरुवार को कोरोना के 2726 नए मामले सामने आए. इसी के साथ दिल्ली में कोरोना के 3 लाख 833 केस हो चुके हैं. मरीजों की संख्या 1 लाख के पार पहुंचने में 126 दिन लगे थे, लेकिन फिर 1 से 2 लाख होने में सिर्फ 65 दिन लगे. सिर्फ 29 दिनों में कुल केस 3 लाख के पार हो गए हैं, तो वहीं पिछले 24 घंटे में कोरोना की वजह से 37 मरीजों की जान भी गई है. कुल 5653 मरीजों की मौत इस वायरस से हो चुकी है.
आपको बता दें कि 2643 मरीज ठीक हुए हैं. दिल्ली में 2,72,948 कोरोना मरीज ठीक हो चुके हैं. दिल्ली में कोविड का पहला मामला 2 मार्च को आया था. 6 जुलाई को संक्रमित मरीजों की संख्या एक लाख के पार पहुंच गई थी. 9 सितंबर को मरीजों की संख्या दो लाख के पार पहुंची और अब 8 अक्टूबर को यह संख्या तीन लाख के पार हो गई है.