संवाद सूत्र, सरायगढ़(सुपौल): सरकार अपने सस्ते गल्ले की दुकान से लोगों को सुलभ तरीके से राशन लेने के लिए पॉस मशीन दे रखी है। इसके लिए प्रत्येक परिवार से एक व्यक्ति को पॉस मशीन पर अंगूठा लगाकर ही राशन दिया जाता है। जिनके परिवार से पॉस मशीन पर अंगूठे नहीं लगते उसके राशन की निकासी नहीं होती। लेकिन इतने के बाद भी सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड क्षेत्र में नेशनल हाईवे पर सरकारी अनाज खासकर चावल और गेहूं का खुलेआम कालाबाजारी होने की बातें कही जा रही है। जानकारी अनुसार हाईवे पर जगह-जगह व्यापारियों द्वारा अनाज खरीद केंद्र खोल रखा गया है। उस केंद्र पर बाकी के अनाज तो काम आते हैं लेकिन प्रतिदिन अरवा चावल तथा गेहूं भारी मात्रा में पहुंचते रहता है। हाईवे के बगल के व्यापारी का सांठ-गांठ सुपौल जिले के विभिन्न के जगहों के अलावे मधुबनी और दरभंगा जिले तक बताया जाता है।
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कहा जा रहा है कि दरभंगा और मधुबनी जिले के विभिन्न जगहों से भी कई गाड़ियां सरकारी चावल लेकर हाईवे पर पहुंचती है और उसे व्यापारी के यहां भेज कर वापस लौट गया करता है। इसी तरह जिले के विभिन्न भाग से हाईवे पर अरवा चावल के पहुंचने की जानकारी मिल रही है। नेशनल हाईवे पर पुलिस द्वारा अनाज की जांच नहीं की जाती इस कारण भी व्यापारी बेखौफ होकर कालाबाजारी के धंधे को अंजाम देने में लगे हैं। जानकारों ने बताया कि अनाज की कालाबाजारी का धंधा करने वाले लोग पिकअप और बड़े-बड़े ट्रक से उसे लादकर सिल्लीगुड़ी, फारबिसगंज सहित अन्य जगहों पर भेजा जाता है जिसमें उसे काफी मुनाफा होता है। जानकारी अनुसार जैसे ही जनवितरण विक्रेता द्वारा वितरण शुरू किया जाता है कि व्यापारी काफी सक्रिय हो जाते हैं।
लाभुक विक्रेता के यहां से अनाज का उठाव करते हैं और खुदरा व्यापारी के हाथ में बेच देते हैं। फिर खुदरा व्यापारी थोक विक्रेता के यहां उसे पहुंचा दिया करते हैं। दूसरा यह कि आखिर गाड़ी में भर-भर कर नेशनल हाईवे पर अरवा चावल और जन वितरण दुकान का गेहूं कहां से पहुंचता है यह लोगों के समझ में नहीं आ रहा है। स्थानीय पदाधिकारी से लेकर नेशनल हाईवे पर ड्यूटी में लगे पुलिस भी इस धांधली को नजदीक से देखने की जरूरत नहीं समझते हैं और कालाबाजारी का धंधा लगातार बढ़ता जा रहा है।
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