Health tips:निप्पल डिस्चार्ज की समस्या से कैंसर का खतरा, इन बातों का ध्यान रख करें बचाव

जयपुर।महिलाओं में पुरूषों की तुलना में कई घातक रोगों का खतरा रहता है।आज के समय में बदलती लाइफस्टाइल और गलत खानपान के कारण महिलाओं मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और हृदय संबंधी रोगों का खतरा अधिक बना हुआ है।वहीं महिलाओं के शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण भी घातक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। स्तनों में दूध बनने का कारण प्रोलेक्टिन नामक हार्मोन होता है और इस हार्मोन की गड़बड़ी का कारण या कोई दवा, ट्यूमर बनने से निप्पल डिस्चार्ज की समस्या होने लगती है।इस समस्या के कारण निप्पल से सफेद रंग का तरल पदार्थ निकलने लगता है।ज्यादातर महिलाओं में निप्पल डिस्चार्ज की समस्या मेनोपॉज के बाद ही होती है।निप्पल डिस्चार्ज की इस समस्या गेलेक्टोरिया के लक्षण के रूप में दिखाई दे सकती है।गेलेक्टोरिया की समस्या में दोनों स्तनों में से दूध जैसा तरल पदार्थ निप्पल से आने लगता है। इसके अलावा भी कई और लक्षण दिखाई देते हैं जैसे कि ब्रेस्ट टिशू के आकार का बढ़ना, अनियमित पीरियड्स, यौन इच्छा में कमी, घबराहट होना, चेहरे पर कील—मुँहासों की परेशानी, बाल तेजी से झड़ना, सिर में दर्द रहना जैसी परेशानियां दिखाई देती है।वहीं यदि निप्पल डिस्चार्ज के समय स्तनों में सफेद दूध की बजाए चिपचिपा तरल द्रव, पीला, रक्त मिला कुछ मटमेला द्रव निकले तो आपको तुरंत डाक्टर से अपनी जांच करवानी चाहिए।क्योंकि निप्पल डिस्चार्ज का यह लक्षण ब्रेस्ट कैंसर का संकेत हो सकता है।निप्पल डिस्चार्ज की समस्या के सही कारण जानने के लिए आप कुछ टेस्ट अवश्य करवाएं।जिससे आप शरीर में बढ़ती ​घातक बीमारी का समय पर इलाज कर खुद का बचाव कर सकती है।इसके लिए आप हार्मोंनल टेस्ट,प्रेगनेंसी टेस्ट और ब्रेस्ट टिशू की जाँच के लिए मेमोग्राम या सोनोग्राफी भी करवा सकती है।

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