नई दिल्ली - भारतीय महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले अधिक सामने आते हैं। इंडियन कैंसर सोसायटी के मुताबिक, हर 28 में से एक महिला को यह कैंसर होने का खतरा है। ब्रेस्ट कैंसर की 4 स्टेज होती है। अगर कैंसर पहली स्टेज यानी शुरुआती अवस्था में है तो मरीज के ठीक होने की उम्मीद 80 फीसदी तक होती है। दूसरी स्टेज में 60 से 70 फीसदी तक ठीक होने की सम्भावना रहती है। कैंसर की तीसरी या चौथी स्टेज में इलाज थोड़ा कठिन हो जाता है। इसके कुछ लक्षणों को अगर समय पर पहचान लिया जाए तो इलाज आसान हो जाता है।
हर साल अक्टूबर माह को ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ के तौर पर मनाया जाता है। जानिए ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखें और कैसे अलर्ट रहें।
ब्रेस्ट कैंसर के कौन से लक्षण दिखने पर अलर्ट हो जाएं?
इंडियन कैंसर सोसायटी के मुताबिक, स्तन में गांठ, स्तन के निप्पल के आकार या स्किन में बदलाव, स्तन का सख्त होना, निप्पल से रक्त या लिक्विड निकलना इसके लक्षण हैं। इसके अलावा स्तन में दर्द, बाहों के नीचे भी गांठ होना भी स्तन कैंसर के संकेत हैं। हालांकि स्तन में हर गांठ कैंसर नहीं होती, लेकिन इसकी जांच करवाना बेहद जरूरी है, ताकि आगे चलकर कैंसर का रूप ना ले। इस रोग से डरे नहीं क्योंकि इसका इलाज संभव है। पहली स्टेज में ही अगर इस रोग की पहचान हो जाती है तो इसे जड़ से खत्म किया जा सकता है।
क्यों होता है यह कैंसर
बढ़ती उम्र के अलावा हार्मोनल थैरेपी में दी जाने वाली दवाएं, अधिक उम्र में शादी करने के साथ ही अधिक उम्र में बेबी प्लान करना, आनुवांशिकता, खराब जीवनशैली, अल्कोहल लेने से यह कैंसर हो सकता है। स्तन कैंसर का कारण आनुवांशिक भी हो सकता है, लेकिन ऐसा सिर्फ 5-10 प्रतिशत महिलाओं में ही पाया जाता है।
किस उम्र में यह कैंसर होने का खतरा ज्यादा?
आमतौर पर 40 की उम्र के बाद इसकी आशंका बढ़ जाती है। इसके अलावा फैमिली हिस्ट्री है तो भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है।
कैसे पता लगाएं कैंसर हुआ है या नहीं?
इसके लक्षण शुरुआत में दिखाई नहीं देते। लेकिन सेल्फ एग्जामिनेशन और मैमोग्राम जांच करवाकर इसका पता लगा सकते हैं।अलग-अलग महिलाओं में स्तन कैंसर के लक्षण भी अलग पाए जाते हैं।