कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि के रूप में कैंसर (Cancer) को परिभाषित किया जाता है व इसका उपचार ग्रेडिंग व स्टेज के आधार पर होता है। पहली बार में सुनने के बाद हमें एक खतरनाक रोग लगता है। इसके खतरे को इसके ट्यूमर के विकास व भिन्न-भिन्न स्टेज के आधार पर निर्धारित किया जाता है। स्टेज से हमें ट्यूमर के साइज (Tumor Size) के बारे में पता चलता है व इससे यह भी पता चलता है कि जिस जगह पर यह हुआ है, उससे आगे भी पहुंचा है या नहीं। ग्रेडिंग कैंसर कोशिकाओं की मौजूदगी के बारे में बताती है। स्टेज से कैंसर के विकास व गंभीरता के बारे में जानकारी मिलती है।स्टेज 1 से लेकर 4 तक कैंसर को बांटा गया है। हर स्टेज ट्यूमर के विकास व शरीर को इससे होने वाले नुकसान के आधार पर तय होती है। हर चरण बढ़ने के साथ गंभीरता व जोखिम भी बढ़ता जाता है। कैंसर के चरणों को समझने के लिए इसके विभिन्न प्रभावों के निम्नलिखित कारण शामिल हैं:इलाज- इससे डॉक्टर को उपचार तय करने में सहायता मिलती है। यह इलाज के पाठ्यक्रम को निर्धारित करता है कि सर्जरी करनी है या कीमोथेरेपी की आवश्यकता है। आउटकम- कितनी जल्दी कैंसर पाया जाता है, इस बात पर आउटकम निर्भर करता है। परिणाम की सम्भावना के बारे में स्टेज ही एक दृष्टिकोण देता है। रिसर्च- समान मामलों में पुराने ट्रीटमेंट के बारे में रिसर्च से उपचार करने में सहायता मिलती है व इससे उपचार सरल हो जाता है।स्टेज ग्रुप 1. किसी एक एरिया में विकसित कैंसर को सबसे पहली स्टेज के रूप में माना जाता है। 2. इसमें यह आता है कि कैंसर पहली स्टेज से बड़ा है, लेकिन फैलाव नहीं हुआ। 3. स्टेज तीन में कैंसर के इर्द-गिर्द के ऊतकों में फैल जाने की बात सामने आती है। 4. स्टेज चार में कैंसर शरीर के अन्य भागों में फैल जाता है जिसे उन्नत कैंसर भी कहते हैं।कैंसर ग्रेडिंग माइक्रोस्कोप में कोशिका के आकार के आधार पर कैंसर का ग्रेड तय किया जाता है। धीमी गति के कैंसर में निम्न ग्रेड व तेज गति से बढ़ने को उच्च ग्रेड कहते हैं। ग्रेडिंग निम्नलिखित है।ग्रेड 1 में कैंसर कोशिकाएं साधारण नजर आती हैं व ये बढ़ती नहीं हैं। ग्रेड 2 में कैंसर कोशिकाएं साधारण नहीं दिखते हुए तेजी से बढ़ती हैं। ग्रेड 3 में कैंसर कोशिकाएं असाधारण दिखती हैं व ये तेजी या आक्रामकता से बढ़ सकती हैं। चिकित्सक से सलाह व मेडिकल टेस्ट के आधार पर उचित उपचार व कैंसर के बारे में ज्यादा जानकारी मिलती है।