ब्रजेश पाठक, सासाराम : रोहतास।
कोरोना महामारी में महानगरों से घर लौटे कई आइटी प्रोफेशनल अब नेताजी को हाईटेक बना रहे हैं। वे डिजिटल माध्यम से नेताजी का संपर्क मतदाताओं से करा रहे हैं। तो इस बार नेताजी के वार रूम का दृश्य भी हाईटेक हो चला है।
सुसज्जित कमरा, रिसेप्शन व उसमें काम कर रहे आइटी प्रोफेशनल। कोरोना ने चुनाव के तौर तरीकों को बदला तो इन तकनीकी कौशल वाले युवाओं की जरूरत नेताजी को पड़ ही गई।
भावी प्रत्याशियों के इस वार रूम में विधानसभा की गतिविधियां जानने के लिए, क्षेत्र के लोगों से बात करने लिए वीडियो कांफ्रेंसिग की व्यवस्था है। बैंगलोर, दिल्ली, पुणे जैसे महानगरों से आए ये युवक एक-एक पंचायत व उसके अधीन आने वाले गांवों का नाम मुंहजबानी याद कर लिए है। गांव के कई लोगों का नाम भी बताते हैं।
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चुनाव को ले राजनैतिक दलों के कार्यालयों से इतर एक दर्जन से अधिक भावी प्रत्याशियों के वार रूम काम कर रहे हैं। आइटी सेक्टर से जुड़े युवा कहते हैं कि नेताओं के दौरा, गांव की समस्या, भावी प्रत्याशियों का संदेश एक मिनट के अंदर हजारों लोगों तक मोबाइल के जरिए पहुंचाया जा रहा है।
सर्वे कर जानी जा रही समस्याएं :
सर्वेक्षण टीम ने पहले विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले गांवों की समस्या व वर्तमान विधायक के बारे में लोगों की राय जानी। प्रत्येक गांव से 30 से 50 लोगों के मोबाइल नंबर लिए गए। इसके बाद उन समस्याओं के बारे में नेताजी का ऑडियो मैसेज भेजना शुरू किया। इसका मनोवैज्ञानिक असर भी पड़ रहा है। कई लोगों के मोबाइल पर सीधे जानकारी आने से उनके मन में यह बात घर करने लगी कि नेताजी उन्हें ज्यादा ही तरजीह दे रहे हैं। वार रूम में इसके साथ हीकार्यकर्ताओं के किए जा रहे कार्यों की क्रास चेकिग भी हो रही है। वार रूम से जुड़े कई लोग बताते हैं कि चुनाव में कुछ कार्यकर्ता गलतबयानी कर देते हैं , जिसका खामियजा प्रत्याशी को भुगतना पड़ता है। ऐसे में अभी से क्रास चेकिग से कई काम सुधर जा रहे हैं।
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