मधुमेह का इलाज : आज मनुष्य को प्रकृति का सबसे अनमोल उपहार उसका शरीर है। और उस शरीर की देखभाल करना एक मानवीय कर्तव्य है। यदि वह शरीर की देखभाल नहीं करता है, तो शरीर उसका समर्थन करना बंद कर देगा।
उसके शरीर में कई तरह के रोग लगेंगे। और वह पूरी तरह से दवाइयों पर निर्भर हो जाएगा। आज हम एक ऐसी ही गंभीर बीमारी पर बात करेंगे।
मधुमेह भारत में एक बड़ी आबादी एक गंभीर बीमारी से पीड़ित है। भारत की लगभग एक तिहाई आबादी इस गंभीर बीमारी से पीड़ित है।
इस बीमारी का हमारे शरीर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। अगर इसका इलाज न किया जाए और ठीक से परहेज किया जाए। तो मानव शरीर में, यह गुर्दे, यकृत, आंख, हाथ, पैर, आदि पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है।
इससे किडनी फेल हो सकती है। लीवर ख़राब हो सकता है। आंखों की रोशनी जा सकती है। और अगर यह बीमारी बढ़ जाती है, तो उस शरीर का खून साफ होना बंद हो जाता है। और मरीज को डायलिसिस पर लगाना पड़ता है। और रोगी का जीवन भी खो सकता है।
डायबिटीज क्यों होता है जब शरीर के अंदर शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। तब मधुमेह होता है। जब हमारा अग्न्याशय हमारे शरीर में ठीक से काम नहीं करता है।
क्योंकि अग्न्याशय का कार्य शरीर में इंसुलिन बनाना है। और वही इंसुलिन हमारे शरीर के चक्र को नियंत्रित करने में मदद करता है। जब अग्न्याशय इंसुलिन बनाना बंद कर देता है। तो हमारे शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। और इसे कहते हैं डायबिटीज।
डायबिटीज का उपचार
शरीर में एक बार डायबिटीज हो जाए तो यह पूरी तरह से ठीक नहीं होता है। लेकिन हम इसे नियंत्रण में रख सकते हैं।
इसे नियंत्रण में रखने के लिए हमें अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करने होंगे। सबसे पहले, आपको सुबह जल्दी उठना होगा और आधे घंटे तक चलना होगा। प्रोटीन युक्त भोजन लें। मांसाहारी भोजन और शराब आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
दूध दही और घी युक्त वसा खाने से बचें। भूख से थोड़ा कम खाना है। और एक बार में न खाएं। दिन में थोड़ा-थोड़ा करके खाना है। और कभी भी आपको भूखे पेट नहीं रहना चाहिए। क्योंकि भूखे रहने से मधुमेह तेजी से बढ़ता है।
तनाव आदि से दूर रहें। अगर शरीर में कोई घाव है तो उसका उचित उपचार करना है। यदि घाव का ठीक से उपचार नहीं किया गया तो यह नासूर बन जाता है। और बाद में शरीर को उस हिस्से को काटना पड़ता है। समय-समय पर मधुमेह की जांच कराएं।