स्कर्वी रोग विटामिन सी से जुड़ा हुआ है। विटामिन सी (एस्कोर्बिक एसिड) की कमी होने पर स्कर्वी रोग होता है। स्कर्वी रोग होने का दूसरा कारण है तंत्रिका में तनाव यानि कि नर्वस टेंशन।
स्कर्वी रोग में मसूडों से खून आना, थकावट और शरीर में कमजोरी होना आदि कुछ लक्षण नजर आते हैं। आइए जानते हैं कौन से घरेलू नुस्खों से स्कर्वी रोग से निजात पाई जा सकती है।
स्कर्वी से बचाव के लिए घरेलू नुस्खे-
हरी मिर्च में विटामिन सी की उच्च मात्रा होती है। हरी मिर्च खाना स्कर्वी रोग से बचने का सबसे अच्छा उपाय है। स्कर्वी के लिए लाल मिर्च का प्रयोग न करें क्योंकि लाल मिर्च हरी मिर्च के समान प्रभावी नहीं है।
कीवी में भी विटामिन सी की उच्च मात्रा होती है। कीवी को सलाद के रूप में इस्तेमाल करके विटामिन सी की भरपाई की जा सकती है।
आंवला में भी विटामिन सी होता है। आंवला की सूखी कैंडी या आंवला का रस भी स्कर्वी रोग में फायदा देता है। इतना ही नहीं आंवले का मुरब्बा खाना भी स्कर्वी रोग के उपचार में लाभदायक है।
कच्चे आम को सुखाकर, उसे पीसकर पाउडर बना लें। यह अमचूर पाउडर खाने से पहले, हर रोज एक छोटी चम्मच खाएं। यह भी शरीर में विटामिन सी की कमी को पूरा करता है।
स्ट्रॉबेरी विटामिन सी का उच्च स्त्रोत होती है। स्ट्रॉबेरी को सलाद, स्मूदी आदि किसी भी रूप में खाना स्कर्वी रोग में फायदा देता है।
संतरा में एस्कॉर्बिक एसिड की उच्च मात्रा होती है। रोजाना सुबह संतरे का एक गिलास जूस पिएं। इससे शरीर में विटामिन सी की कमी तो पूरी होगी ही साथ ही अन्य पोषक तत्व भी मिलेंगे, जो शरीर को स्वस्थ बनाएंगे।
नींबू में विटामिन सी अधिक मात्रा में होता है। ऐसे में रोजाना नींबू का पानी पीना शरीर में विटामिन सी की कमी को पूरा करता है। स्वाद के लिए नींबू के साथ शहद भी मिलाया जा सकता है, लेकिन नींबू पानी में चीनी मिलाकर न पिएं।
स्कर्वी रोग के उपचार में पपीता भी बेहद प्रभावी फल है। पपीता रोज खाने से भी शरीर में विटामिन सी की कमी पूरी होती है और स्कर्वी रोग से बचाव होता है।
स्कर्वी के उपचार के लिए अजवायन के फूल भी बेहद प्रभावी हैं। अजवायन के फूल में भी उच्च मात्रा में विटामिन सी मौजूद होता है। अजवायन के फूल को घरेलू नुस्खों के अलावा कई आयुर्वेदिक दवाओं में भी प्रयोग किया जाता है।
बेलफल में साइट्रिक एसिड और ओक्जेलिक की उच्च मात्रा होती है। बेलफल का शरबत बनाकर या इसका गूदा निकालकर खाने से विटामिन सी की कमी को पूरी होती है, जिससे स्कर्वी रोग से बचाव होता है।
लगभग100 ग्राम ब्रोकली में 89 मिलीग्राम विटामिन सी की मात्रा पाई जाती है। ऐसे में अपने खाने में ब्रोकली का इस्तेमाल भी विटामिन सी की कमी को पूरा करके शरीर को स्कर्वी रोग से बचाता है।
शिमला मिर्च में भी विटामिन सी की उच्च मात्रा होती है। पीली शिमला मिर्च में सबसे अधिक विटामिन सी पाया जाता है, इसके बाद क्रमश लाल और हरी शिमला मिर्च में।
धनिया की तरह पार्सेले में भी विटामिन सी की उच्च मात्रा होती है। स्कर्वी रोग से बचाव के लिए पार्सेले का प्रयोग भी घरेलू उपचार के साथ-साथ आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है।