जीटी रोड पर महाजाम, तड़पते रहे राहगीर और मरीज

औरंगाबाद। नई दिल्ली से कोलकाता को जोड़ने वाली जीटी रोड पर शनिवार सुबह से लगी महाजाम पूरी रात लगी रही। सोमवार सुबह को वाहन रेंगते हुए निकल रहे थे। जाम में यात्री वाहनों से लेकर मरीजों की एंबुलेंस व पर्यटक वाहन फंसे रहे। जाम के कारण वाहनों के यात्री भोजन और पानी के लिए परेशान रहे। मरीज एवं उनके स्वजन एंबुलेंस में तड़पते रहे। जाम में फंसने से एंबुलेंस व यात्री वाहन न आगे बढ़ रही थी न पीछे।

नवीनगर के दोनों बिजली परियोजना के अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक जाम में फंसे रहे। सड़क पर लगी महाजाम को छुड़ाने में पुलिस को पसीना बहाना पड़ा। हालांकि जाम को छुड़ाने में लगे पुलिसबलों ने शनिवार रात को करीब दो बजे सड़क को थोड़ा साफ कराया पर सोन नदी पर लगी जाम से वाहनों की रफ्तार तेज नहीं हुई। धीमी गति से वाहन निकलते रहे। सोमवार अहले सुबह तक जाम की स्थित बनी रही। हालांकि सोमवार को भी जीटी रोड एवं नबीनगर मुख्य पथ पर भारी वाहनों का पार्किंग लगा रहा। स्थानीय लोगों ने बताया कि बारुण में शनिवार से जाम की स्थिति उत्पन्न हुई जो सोमवार तक बनी रही। जाम की स्थिति प्रतिदिन बनी रहती है। बताया गया कि सोन नदी के बालू लादने वाले ट्रकों के कारण बारुण- नबीनगर रोड से लेकर जीटी रोड पर खड़ा करने से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। बालू में 14 चक्का से लेकर 16 चक्का तक के ट्रकों, हाइवा, टेलर तक चलाए जा रहे हैं। भारी वाहनों के कारण बारुण में जाम की समस्या लाइलाज बनती जा रही है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि अगर बारुण में जाम की स्थित यही रही तो वाराणसी एवं सासाराम के जमुहार मेडिकल कॉलेज जाने वाले मरीज बेमौत मरते रहेंगे। शनिवार को लगी जाम रात में जीटी रोड के दोनों तरफ करीब दस किमी तक लगी रही। बालू लदे भारी वाहनों से बढ़ी परेशानी

सोन नदी के बालू लादने वाले भारी वाहनों से नबीनगर मुख्य पथ का हाल बेहाल हो गया है। बारुण केशव मोड़ पर जीटी रोड का वजूद समाप्त हो गया है। सड़क बालू लादने वाले ट्रकों के कब्जे में होती है। भय से कोई बोल नहीं पाता है। जिला प्रशासन से लेकर प्रखंड व अंचल प्रशासन, थाना की पुलिस बालू माफिया के सामने लाचार हो गई है। बारुण-नवीनगर सड़क के किनारे एनीकट से कर्मकिला तक सोननदी से अवैध उत्खनन कर बालू की डंपिग और अवैध ढुलाई से सड़क खराब हो गया है। सड़क कीचड़ में तब्दील हो चुका है। ग्रामीणों को चलना मुश्किल हो गया है। ट्रकों से कुचलकर ग्रामीणेां की बेमौत मौत हो रही है। ओवरलोड का धंधा रुक नहीं रहा है। केशव मोड से इंग्लिश तक बालू के ट्रैक्टर से सड़क कीचड़ बन गया है। यहां तक की सोननगर रेलवे अंडरब्रिज में तो ट्रैक्टर के अलावा अन्य वाहन नहीं जा सकता है। पैदल चलना भी बंद हो चुका है। बालू की इस खेल से स्थानीय ग्रामीणों का जीना मुश्किल हो गया है। नबीनगर सड़क पर दिन में नो इंट्री
जिला प्रशासन के द्वारा बारुण - नबीनगर मुख्य सड़क पर सुबह आठ बजे रात आठ बजे तक भारी वाहनों को चलने पर प्रतिबंध लगाया है। केवल यात्री बस को चलने की इजाजत दी गई है।। बाहर से बालू लेने पहुंचने वाले वाहन चालक अपने ट्रक को सड़क किनारे खड़ा कर देते हैं। जाम की यह एक प्रमुख कारण है। मामले को लेकर सीओ बसंत कुमार राय ने बताया कि जाम की समस्या से निजात के लिए प्रशासन कार्रवाई कर रही है। केशव मोड़ पर पुलिस बल के द्वारा जाम को हटवाने के साथ नो इंट्री का पूर्ण ख्याल करते हुए बाहरी वाहन को सड़क किनारे से हटवाया जा रहा है।
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