ब्रिटेन में छह हजार लोगों पर कोरोना वायरस महामारी के चलते लॉकडाउन के असर का सर्वे किया गया है. शोधकर्ताओं का कहना है कि जानवरों का साथ तनाव के लेवल को करने में मददगार साबित हुआ. पालतू जानवरों के साथ रहने से मानसिक स्वास्थ्य मजबूत हुआ और तन्नाई के एहसास में कमी आई.
लॉकडाउन में पालतू जानवर बने बड़े सहारा
दस में से नौ प्रतिभागियों ने कहा कि उनके पालतू जानवर ने लॉकडाउन का सामना करने में भावनात्मक रूप से मदद की. करीब-करीब सभी (96 फीसद) ने बताया कि इससे उन्हें फिट और सक्रिय रहने में मदद मिली. शोधकर्ताओं ने लोगों से जानने की कोकिश की कि कैसे उन्होंने महामारी के बीच लॉकडाउन की सख्तियों का सामना किया.
ब्रिटेन में सरकारी तौर पर लॉकडाउन लगाने का ऐलान 23 मार्च और 1 जून के बीच किया गया. यॉर्क यूनिवर्सिटी के स्वास्थ्य वैज्ञानिक डॉक्टर एलेना रेटस्चेन ने कहा, "खराब मानसिक स्वास्थ्य की जानकारी देनेवालों ने भी पालतू जानवरों के साथ अपने लगाव की मजबूती पर ज्यादा नंबर पाया." उन्होंने बताया कि पालतू जानवरों के साथ भावनात्मक संबंध की मजबूती अन्य जानवरों की प्रजातियों से अलग नहीं हुई.
भावनात्मक रूप से मजबूत करने का किया काम
इसका मतलब ये हुआ कि हमारे सैंपल में शामिल मालिकों ने जानवरों से औसतन खुद को जुड़ा हुआ पाया. और गिनी पिग को उन्होंने ऐसा समझा जैसे उनका घरेलू कुत्ता है. ध्यान देना जरूरी होगा कि शोध में शामिल मालिकों ने माना कि उनके पालतू जानवर उनके लिए सहारा बने. लेकिन दो तिहाई (68 फीसद) की चिंता इस बात पर रही कि कैसे उनके जानवर कोवि़ड-19 के कारण होनेवाले भयंकर बदलाव का सामना करेंगे.
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