रामगढ़ में कोरोना (Corona) से निजात पाने के लिए महिलाएं गोजम भौजी साड़ी पूजा कर रही हैं. इसमें ननद के द्वारा दी गई साड़ी पहनकर भाभी सूर्य की पूजा करती हैं. और कोरोना दूर भगाने के लिए मिन्नत मांगती हैं.
रामगढ़. झारखंड के रामगढ़ जिले में इनदिनों कोरोना (Corona) को लेकर अंधविश्वास का अनोखा रूप देखने को मिल रहा है. कोरोना से निजात पाने के लिए महिलाएं गोजम भौजी साड़ी पूजा कर रही हैं. इसमें ननद के द्वारा दी गई साड़ी पहनकर भाभी सूर्य की पूजा करती हैं. और कोरोना भगाने के लिए मन्नत मांगती है. रामगढ़ के गोला और रांची से सटे ग्रामीण इलाकों में ये पूजा खूब हो रही है. हालांकि इस पूजा का एक मकसद ननद-भाभी के बीच खराब रिश्ते को ठीक करना भी है. गोला इलाके में यह प्रथा सालों से चली आ रही है. मगर कोरोनाकाल में इसे कोरोना से जोड़ दिया गया है
स्थानीय महिला मीना देवी का कहना है कि कोरोना माई को शांत करने के लिए गोजम पूजा महिलाएं कर रही हैं. इस दौरान भाभी नदद के द्वारा दी गई साड़ी पहनकर सूर्य देवता से सारे कष्ट दूर करने की मिन्नत मांगती हैं.वैसे कमला एकादशी के मौके पर सालों से इस पूजा की परंपरा चली आ रही है. पहले परिवार की सुख शांति के लिए लेकिन इस बार कोरोना से निजात के लिए महिलाओं ने सूर्य उपासना की. इलाके की करीब पांच सौ से ज्यादा महिलाओं ने रविवार को ये पूजा-पाठ किया. ये पूजा छठ के अनुरूप ही किसी नदी या तालाब में जाकर किया जाता
महिलाओं के मुताबिक वे छट की तरह सूर्योदय से पहले नदी जाती हैं और नदी में स्नान कर सूर्य को जल चढ़ाती हैं. यानी छठ महापर्व की तरह ही इस इलाके में भौजी साड़ी में पूजा सालों से हो रही है.
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