हृदय मरीजों को सबसे आवश्यक है कि वे अपने आहार में ध्यान रखें. दिल के रोगियों को किसी अन्य दिक्कतों का इलाज करवाते वक़्त भी सावधानी रखनी चाहिए. इसमें सबसे आवश्यक है दांतों के इलाज में सावधानियां बरती जाए. वैसे तो दांतों का, दिल के स्वास्थ्य से कोई डायरेक्ट संबंध तो नहीं है, परन्तु कई चिकित्सकों का यह मानना है कि अगर मुंह की साफ-सफाई अच्छा से नहीं रखी जाए, तो दिल के बीमार के मुंह की गंदगी बॉडी में जाकर ब्लड में मिक्स हो जाती है तथा ब्लड के द्वारा यह गंदगी दिल की नसों तक पहुंचकर वाल्व को हानि पहुंचाती है.
डाक्टर आयुष पाण्डे के मुताबिक, दांत का हल्का दर्द घरेलू तरीका से स्वस्थ हो जाता है, परन्तु कठिनाई बनी रहे तो मान्यता प्राप्त चिकित्सक को ही दिखाएं. आइये जानते हैं की दांतों के इलाज के दौरान दिल के रोगियों को किन-किन सावधानियों की बहुत अधिक जरूरत होती है. वही दिल के बीमार जब भी दांत का इलाज करवाएं तो डेंटिस्ट को अपनी दिल की रोग की सभी दवाइयों के बारे में पूरी सुचना दें. इससे दांतों के डॉक्टर उस अनुसार दांतों का इलाज कर सकेंगे.
इसके अलावा दिल के मरीजों को अपने कॉर्डियोलॉजिस्ट का नाम, पता तथा कांटेक्ट नंबर भी दांत के डॉक्टर को पहले से बता देना चाहिए, जिससे कोई परेशानी होने पर डेंटिस्ट कांटेक्ट कर सकें तथा उस अनुसार अपने मरीज का इलाज कर सके. वही दिल के रोगियों को दांतों का इलाज करवाने से पहले किसी तरह का भय हो तो पहले से ही अपने कॉर्डियोलॉजिस्ट तथा डेंटिस्ट, दोनों से ही खुलकर बात करनी चाहिए, जिससे चिकित्सकों तथा बीमार के मध्य कोई भ्रम ना रहे. इससे डॉक्टर सारी स्थिति समझ पाएंगे तथा मरीज को भी समझ पाएंगे. इसी के साथ जरुरी है कि जरुरी है आप उचित ध्यान रखे.