ड्रग्स के सेवन को लेकर जिस स्तर पर हंगामा हमारे देश में देखने को मिल रहा है। उसका पूरा फोकस इस समय केवल बॉलीवुड है। लेकिन ऐसा नहीं है कि ड्रग का कंजक्शन केबल बॉलीवुड में होता है। हां लेकिन ड्रग केस में फंस चुकी जया साहा से एनसीबी की पूछताछ में सितारों का बचाव करने के लिए जिस तरह से तर्क दिए हैं। उनसे दिल्ली के जाने माने साइकैटरिस्ट एग्री भी नहीं करते हैं।
क्या बात है मैं ड्रग्स लेने से तनाव कम होता है इस बारे में बात करते हुए मैक्स हॉस्पिटल के सीनियर डॉक्टर राजेश कुमार कहते हैं कि कोई भी ड्रग हमारे ब्रेन के मेन पार्ट में पहुंचने पर प्ले द एक्टिविटीज के सर्किट में जाकर काम करता है। आमतौर पर ब्रेन का यह हिस्सा सेक्स, फूड, प्लेजर ऐक्टिविटीज, म्यूजिक आदि के कारण ऐक्टिव होता है। ड्रग्स भी ब्रेन के इसी सर्किट पर काम करता है और ड्रग लेने के बाद हाई फील होने लगता है।
हाई फील करने के दौरान आप खुद को फुल ऑफ एनर्जी के साथ महसूस करते हैं। इस दौरान आप आसपास के माहौल से पूरी तरह कट जाते हैं तनाव देने वाली बातों को भूल जाते हैं। इस दौरान आप अजीब -अजीब से हरकतें करने लगते हैं ट्रक के असर से कुछ समय के लिए आपकी नींद और थकान दोनों चीजें गायब हो जाती हैं।
हालांकि जब व्यक्ति हासिल करता है तो उसकी चेतन अवस्था कम हो जाती है सही और गलत समझने की उसकी क्षमता कम हो जाती है। किस काम को करना है कि नहीं करना है यह तो तय करना बेहद मुश्किल होता है। इस कारण उसका व्यवहार सामान्य स्थिति की अपेक्षा बहुत अधिक बदल जाता है इस अवस्था में लोग रेप चोरी और दूसरे हरकतें करने लगते हैं जो की स्थिति में बेहद सामान्य है।
डॉ राजेश बताते हैं कि तनाव कम करने के लिए कई दूसरे तरीके होते हैं जो आपको शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाने का काम करते हैं इसमें मेडिटेशन योगा स्प्रिचुअल प्रैक्टिस की जाती है। आप साइकैटरिस्ट से ट्रीटमेंट साइकोलॉजी में काउंसलिंग ले सकते हैं। यह सभी स्टेप लड़ने में हेल्दी तरीके होते हैं यदि आप अपना तनाव कम करने के लिए ड्रग लेते हैं। तो बस कुछ देर तक इसका असर होता हैं। लेकिन आप अपने आप को कई तरह की अन्य मुसीबतों में झोंक देते हैं