चिरस्थायी सौंदर्य: कुछ अनछुए आयाम

हम में से एक बड़ा वर्ग इस बात से परिचित तो है कि हमारे भोजन में प्रोटीन, खनिज लवण व विटामिन महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं और कमोबेश यही बात ग्रामीण तबकों की महिलाएं या बुजुर्ग व पुराने जमाने की स्त्रियां भी, दूध, दही, साग-सब्जी, दाल आदि के भोजन में महत्त्वपूर्ण स्थान रखने की प्रचलित धारणा द्वारा भी जानती हैं पर थोड़े से प्रतिशत लोगों का आहार ही वास्तव में संतुलित होता है।

संतुलित का मतलब यहां आंकड़ों की खानापूर्ति से ही नहीं बल्कि हर रोज के नियमित भोजन और उसमें थोड़ी-सी सावधानी से है। प्रतिदिन लिए जाने वाले भोजन का समय ही सर्वप्रथम वह महत्त्वपूर्ण मुद्दा है जो आपके सौंदर्य को विशेष रूप से प्रभावित करता है इसलिए आवश्यक यह है कि आप एक आनुपातिक क्र म में समय का निर्धारण करें यानी आपके भोजन के समय में ज्यादा से ज्यादा 5-6 घण्टे के बीच का अंतर होना चाहिए।
आप जो भी खा रही हैं, कोशिश करें कि गर्म और चबा कर खाएं। एक आदर्श विधि तो एक कौर को 36 बार चबाकर निगलने की है पर अगर आप आदत के अभाव में ऐसा नहीं भी करें तो भी कम से कम थोड़ा-सा अतिरिक्त समय देकर तथा सौंदर्य संबंधी एक जिम्मेदारी समझकर इसे सम्मान के साथ पूरा करें।
साथ में अपना पूरा ध्यान भोजन पर ही केन्द्रित करें और सोचें मैं जो खा रही हूं, वो आने वाले समय में मेरे तन-मन की शक्ति का आधार बनेगा। याद रखें-सौंदर्य की पहली और आवश्यक शर्त आपका स्वास्थ्य है, तन और मन दोनों ही स्तरों पर।
इससे जुड़ा दूसरा महत्वपूर्ण पहलू है आपका अपने संवेगों पर नियंत्रण। जी हां, यह सच है कि चंद सैकंडों का क्र ोध या असंतुलित व्यवहार आपकी कई घण्टों की मानसिक शक्ति छीन लेता है। इससे जहां आपका सौंदर्य भाव क्षतिग्रस्त होता है, वहीं आपकी एकत्रित शक्ति में हृास से आप कई बातों का कुशलतापूर्वक सामना करने से चूक जाती हैं जिससे बढ़ता तनाव अंतत: आप में चिड़चिड़ापन और निर्णय शक्ति में कमी लाता है। अत: जहां तक वहां क्र ोध, ईर्ष्या, महत्त्वाकांक्षा की प्रवृत्ति आदि पर नियंत्रण कर एक संतुलित व्यवहार अपनाएं।
इसके साथ ही हर रोज आपकी चर्या का एक महत्त्वपूर्ण अंग रसोई भी सौंदर्य संबंधी कई मसालों का खजाना है। जो चीजें आपके प्रतिदिन के भोजन में शामिल हैं, उनका घरेलू प्रयोग करें। मसलन जहां कई मौसमी फल जैसे संतरा, खीरा, टमाटर आदि का रस आपकी त्वचा की नैसर्गिक कमनीयता को हमेशा बरकरार रखता है, वहीं कच्चे दूध का इस्तेमाल क्लींजिग मिल्क के स्थान पर किया जा सकता है।
इसके अलावा नींबू, शहद, हल्दी आदि के इस्तेमाल की विधियों से भी आप परिचित होंगी। घरेलू वस्तुएं जहां प्राकृतिक रूप से आपके सौंदर्य को द्विगुणित करने का काम करती हैं, वहीं बाजार में तैयार प्रसाधन सामग्री की विश्वसनीयता पर संदेह किये बिना आप पैसे बचा सकती हैं।
आपके सौंदर्य को प्रभावित करने वाली एक और महत्त्वपूर्ण वस्तु है-आपका मृदु व्यवहार। यह कभी मत भूलें कि आपके व्यक्तित्व की बाहरी साज-सज्जा के बाद आपसे एक शिष्ट व्यवहार की अपेक्षा छोड़ दी जाती है। कबीर के अनुसार 'ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोये, औरों को शीतल करे आपहूं शीतल होय की प्रासंगिकता आज भी और निरंतर है, अत: अपनी बोलचाल में विनम्र बनें और हमेशा दूसरों की बातों को अहमियत देते हुए ही अपने विचार रखें।
ध्यान रखें-दूसरों की संतुष्टि ही आपके सौंदर्य की सराहना करेगी अन्यथा आपका एकांतिक सौंदर्य सराहना के अभाव में धूमिल भी पड़ सकता है।
-कनुप्रिया

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