एक समय था जब औरतें घर में रहकर अपना सारा समय परिवार और बच्चों में लगा देती थी। न अपने बारे में सोचती थी, न ही अपनी आजादी के बारे में। उन्हें अपने जीवन-साथी पति से भी कोई शिकायत नहीं होती थी मगर समय बदलने के साथ युवतियों की सोच बदली। शिक्षा से उनमें जागरूकता आयी। युवतियों में सपनों का राजकुमार पाने की चाहत अब सिर्फ कहानियों तक सीमित रह गयी है।
आज की पढ़ी-लिखी और स्मार्ट लड़कियां सिर्फ उन्हीं लड़कों को पसंद करती हैं जो उन्हें पूरी तरह आजादी दें चाहे उनका जीवन साथी पति हो या फिर ब्वायफ्रेंड। हर किसी से वे पूरी आजादी की उम्मीद रखती हैं। बहुत ज्यादा रोक-टोक या फिर खर्चों पर पाबंदी आजकल की लड़कियों को पसंद नहीं। वे चाहती हैं कि उनका पति या दोस्त उन्हें फैशन के साथ चलने दे। अगर वे बालों का स्टाइल बनवाती हैं या फिर नया करती हैं तो उनकी तारीफ भी करें।
लड़कियां ऐसे लड़कों को पसंद करती हैं जो आजकल के फैशन और बदलते टेऊंड के साथ चलें। वे उनके लिए सही शॉपिंग करें, सही चीजें खरीद कर दें जो फैशनेबल हों। आजकल युवतियां ज्वेलरी से ज्यादा खर्च टेंऊडी कपड़ों, घडिय़ों और मोबाइल पर करती हैं, इसलिए वे ऐसा जीवनसाथी पति चाहती हैं जो उन्हें ये सब खरीदने की आजादी दे।
लड़कियां ऐसे लड़कों के साथ सहज नहीं हो पाती जो उनकी कामयाबी से जलते हों। वे ऐसे लड़कों को पसंद करती हैं जो उनकी खुशी में पूरी तरह शामिल हों और उनमें जलन की भावना न हो। आप चाहकर भी अब औरतों को घर की चारदीवारी में कैद नहीं रख सकते। पुरूष बरसों से महिलाओं पर अपनी इच्छा थोपते आए हैं पर बदलते दौर ने जहां महिलाओं को बदला है वहीं कहीं न कहीं पुरूषों की सोच में भी बदलाव देखने को मिलता है। अब महिलाएं पहले से कहीं ज्यादा आत्मनिर्भर और दृढ़ निश्चयी हो गई हैं।
वे अपनीड्ड जिन्दगी और कैरियर को एक नयी दिशा देना चाहती हैं। सिर्फ घर-परिवार व बच्चे में बंधकर रहना पसंद नहीं करती। घर की जिम्मेदारी के साथ-साथ वे अपना कैरियर भी संवारती हैं। बात चाहे कुछ भी हो पर बदलते दौर ने लड़कियों की सोच को पूरी तरह से बदल दिया है। किसी भी काम में पुरूषों की बराबरी करने से वे नहीं हिचकिचाती और वह ऐसे लड़कों को ही अपना दोस्त या पति बनाना चाहती हैं जिनकी सोच दकियानूसी न हो कर आधुनिक हो।
- नर्मदेश्वर प्रसाद चौधरी