कोविड-19 (Covid-19) महामारी ने हर किसी के ज़िंदगी में उथल-पुथल मचा दी है। कोरोना वायरस (Coronavirus) से होने वाला संक्रमण एक तरह का वायरल इन्फेक्शन है जो मुख्य रूप से श्वसन तंत्र, नाक व गले को प्रभावित करता है। हालांकि, इसके दीर्घकालिक नतीजों के बारे में बहुत कुछ जानना बाकी है। शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि फेफड़े (Lungs) ही नहीं, कोरोना वायरस के सारे शरीर पर विध्वंसक असर हो सकते हैं। एक नए अध्ययन के अनुसार, कोविड-19 रोग दिल पर स्थायी असर डाल सकता है। अध्ययनों से पता चला है कि दिल की रोग सहित हार्ट से जुड़ीं अन्य समस्याओं वाले लोगों में कोविड-19 से गंभीर रोग का खतरा अधिक होता है।जर्नल जेएएमए कार्डियोलॉजी में प्रकाशित इस अध्ययन में पाया गया है कि रोग से उबर चुके कोरोनो वायरस रोगियों में से 78 फीसदी में दिल की असामान्यताएं देखी गईं। अध्ययन के लिए, शोधकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल से लगभग 100 कोविड-19 रोगियों के डाटा का विश्लेषण किया। यह अप्रैल से जून 2020 के बीच देखा गया। कार्डिएक मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग ने कोविड-19 रोगियों के 78 फीसदी मामलों में दिल संबंधी बदलावों को दिखाया। अध्ययन में पाया गया कि 60 फीसदी मरीजों में म्योकार्डिअल (हार्ट का एक हिस्सा) की सूजन थी। लगभग एक तिहाई रोगियों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है, जबकि बाकी को घर पर आराम की सलाह दी जाती ह। myUpchar के अनुसार अब तक हो चुके अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि यह वायरस एसीई-2 नाम के रिसेप्टर से बंधा रहता है व यह मुख्य रूप से फेफड़े, दिल व आंत में बड़ी तादाद में उपस्थित रहता है व वहीं से शरीर की कोशिकाओं में प्रवेश करता है। जॉन हॉपकिंस मेडिसिन की एक रिपोर्ट में जानकार ों ने बोला कि कोरोनो वायरस विभिन्न उपायों से दिल को नुकसान पहुंचा सकता है। आमतौर पर एसीई-2 एनजियोटेनसिन-कंनर्टिंग एंजाइम-2 नाम के एंजाइम से जकड़ा रहता है। शरीर का रक्तचाप व इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस (प्राकृतिक तत्वों का कम-ज्यादा होना) को बनाए रखने में यह एंजाइम अहम किरदार निभाता है। सार्स-सीओवी-2 वायरस का प्रवेश द्वार कोशिकाओं में प्रवेश करने व गुणा करने के लिए उपयोग करता है। इसका मतलब है कि कोरोनो वायरस सीधे दिल प्रणाली में कोशिकाओं को संक्रमित कर सकता है।ज्यादातर मामलों में, पहले से उपस्थित कोरोनरी धमनी की रोग वाले रोगियों में कोविड-19 के कारण गंभीर जटिलताएं विकसित होने की संभावना अधिक होती है। 72,000 से अधिक कोरोनो वायरस रोगियों से जुड़े एक अध्ययन में पाया गया कि कोविड-19 रोग से पीड़ित लगभग 22 फीसदी रोगियों में दिल संबंधी जटिलताएं थीं। कोविड-19 को मुख्य रूप से श्वसन संबंधी रोग माना जाता है व इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जिनमें दिल संबंधी बीमारियां भी शामिल हैं। हालांकि, वैज्ञानिक व स्वास्थ्य शोधकर्ता हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि वे खतरनाक रोग को बेहतर ढंग से समझ सकें व उनसे निपट सकें।