कृषि बिल (Farm Bill) पर चर्चा के दौरान हंगामा करने के आरोप में राज्यसभा से आठ सांसदों को निलंबित किया गया है. जिसके बाद लगातार इस मुद्दे पर घमासान बढ़ता जा रहा है. लोकसभा (Lok Sabha) में मंगलवार को निलंबन रद्द करने की मांग उठाते हुए कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने वॉकआउट किया.
विपक्षी दलों के सदन के बहिष्कार के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सांसदों के साथ बैठक की. इस मीटिंग में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले समेत विपक्षी सांसद शामिल हुए.
मीटिंग में स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि राज्यसभा से संबंधित मामले पर लोकसभा में चर्चा नहीं की जा सकती. इस पर विपक्षी दलों ने कहा कि फिलहाल वह आज के लिए लोकसभा का बहिष्कार कर रहे हैं. सरकार की प्रतिक्रिया को देखकर आगे ये तय किया जाएगा कि बुधवार को सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेना है या नहीं.
- ANI (@ANI) September 22, 2020
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, टीआरसी और बसपा के सांसदों ने लोकसभा से वॉकआउट किया. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि एक भाई को तकलीफ हो तब दूसरे भाई को भी तकलीफ होती है. किसानों के मुद्दे पर किसान आंदोलन कर रहे हैं. अगर कृषि मंत्री कृषि संबंधी विधेयक वापस ले लेते हैं तो हनें कोई परेशानी नहीं होगी.
सरकार का दावा, किसानों की बढ़ेगी आय
राज्यसभा में रविवार को कृषि संबंधी दो विधेयक पास किए गए. राज्यसभा से पहले लोकसभा में यह बिल पास हो चुका था. इन विधेयकों पर अब राष्ट्रपति की मंजूरी मिलनी बची है. सरकार का कृषि संबंधी बिल पर कहना है कि यह किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को निजी निवेश के जरिए विकास में मदद करेंगे.
कृषि मंत्री का कांग्रेस पर निशाना
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने सदन में कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के खाने के दांत और दिखाने के दांत अलग-अलग हैं. वह सदन में कुछ और बात कहते हैं और बाहर जाकर कुछ और बोलते हैं. जो प्रदर्शन कर रहे हैं, वे किसान नहीं हैं, वे कांग्रेस से संबंधित हैं और यह देश को मालूम है. यह सुधार किसानों को फायदा पहुचाएगा और उनकी आय में बढ़ोतरी करेगा.