शोधकर्ताओं के अनुसार , चॉकलेट गुड कॉलेस्ट्रॉल को बहुत अधिक बढ़ाती है, लेकिन ये फायदा उन्हीं लोगों को होगा जो नियमित 200 से 600 मिलीग्राम के बीच डार्क चॉकलेट खाते हैं।
शोध में यह भी पता चला है कि चॉकलेट खाने से आप ना केवल दिल की बीमारियों से बच सकते हैं, बल्कि डायबिटीज के मरीजों का ब्लड शुगर और इंसुलिन का स्तर भी कम किया जा सकता है।
दरअसल यह लाभ इस बात पर भी निर्भर करता है कि कोकोआ यानी डार्क चॉकलेट कितनी मात्रा में लिया गया है। प्लेन चॉकलेट, व्हाइट और अन्य मिल्क चॉकलेट से ज्यादा बेहतर होती है। वैज्ञानिकों ने 1139 लोगों को चॉकलेट के 119 फ्लेवर खिलाकर उनकी कार्डियो मेटाबॉलिक स्वास्थ्य की जांच की। कोकोआ फ्लेवैनोल के सेवन से डिस्लिपडेमिया (फर्ड आट्रीज), इंसुलिन रेसिस्टेंस और सिस्टमैटिक इनफ्लैमेशन को नियंत्रित किया जा सकता है जो कि कार्डियोमेटाबॉलिक बीमारियों के कारक हैं।
शोध मे इस बात का भी खुलासा हुआ है कि कोकोआ फ्लेवैनोल के सेवन से डिस्लिपडेमिया (फर्ड आट्रीज), इंसुलिन रेसिस्टेंस और सिस्टमैटिक इनफ्लैमेशन को भी नियंत्रित किया जा सकता है जो कि कार्डियोमेटाबॉलिक डिजीज के करक हैं। पर सभी चॉकलेट के लिए एक आम राय नहीं दी जा सकती है क्योंकि बहुत सी कैंडी चॉकलेट्स में शुगर कन्टेंट बहुत अधिक होता है जो कि डार्क चॉकलेट से भी ज्यादा होता है।
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