दिल्ली के मदन मोहन मालवीय अस्पताल में कथित तौर पर ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण एक नवजात बच्चे की मौत हो गई. नाराज परिजनों ने हॉस्पिटल की नर्स को 3 घंटे तक बंधक बनाकर रखा. यह पूरा मामला गुरुवार शाम का था और आधी रात के बाद बंधक नर्स को छुड़ाया गया. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल की लापरवाही के कारण बच्चे की जान चली गई.
दरअसल, अस्पताल में एक गर्भवती महिला ने एक बच्चे का जन्म दिया. बच्चे को तुरंत ऑक्सीजन की जरूरत थी लेकिन अस्पताल में बच्चों के लिए आईसीयू नहीं थी. इसके बाद आनन-फानन में बच्चे को तुंरत एंबुलेंस के जरिए सफदरजंग अस्पताल भेजा गया. लेकिन बच्चे की हालत इतनी नाजुक थी कि हॉस्पिटल पहुंचते ही उसकी मौत हो गई .
वहीं, बच्चे के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल की लापरवाही के कारण उनके बच्चे की जान गई है. उनका कहना है कि अस्पताल में उनके बच्चे को समय रहते आईसीयू की सुविधा नहीं दी गई. इसके कारण उसकी मौत हो गई. इस बात से नाराज बच्चे के परिजनों ने मदन मोहन मालवीय अस्पताल की नर्स को बंधक बना लिया. नर्स एंबुलेंस के जरिए परिवार के साथ सफदरजंग अस्पताल आई थी. परिवार ने नर्स को 3 घंटे तक बंधक बनाकर रखा.
यह पूरा हंगामा सफदरजंग अस्पताल में आधी रात तक चलता रहा. मदन मोहन मालवीय अस्पताल के डॉक्टरों का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने समय रहते उनकी कोई मदद नहीं की. तो दूसरी तरफ विधायक सोमनाथ भारती का कहना है कि मदन मोहन हॉस्पिटल में वेंटिलेटर और आईसीयू नहीं है जिसके चलते काफी दिक्कत होती है. जबकि उन्होंने यह भी माना कि इस अस्पताल में मैटरनिटी डिपार्टमेंट में काफी मरीज आते हैं. इसके बावजूद अस्पताल में बच्चों के लिए आईसीयू की सुविधा नहीं है.
इस घटना के बाद दिल्ली सरकार के प्रतिनिधि भी हरकत में आए. उनका कहना है कि अस्पताल में ऑक्सीजन की पाइप लाइन का काम काफी दिनों से तो चल रहा है लेकिन अभी तक ये काम पूरा नहीं हुआ है. इस घटना के बाद स्थानीय विधायक सोमनाथ भारती ने आश्वासन देते हुए कहा कि अस्पताल का विकास कार्य जारी है. 2020 के अंत तक अस्पताल में वेंटिलेटर आईसीयू की सुविधा शुरू हो जाएगी.