हाइड्रोसील पुरुषो में होने वाला रोग है इस बीमारी में पुरूषों के एक या दोनों अंडकोषों में पानी भर जाता है, इस खतर नाक रोग में अंडकोष एक थैली की भांति फूल जाता है जो कि गुब्बारें की तरह प्रतीत होते है,
इस अवस्था को प्रोसेसस वजायनेलिस या पेटेंट प्रोसेसस वजायनेलिस भी कहा जाता है. ये स्थिति पुरुषों के लिए बहुत पीडादायी होती है. अंडकोष में अधिक पानी भर जाने के कारण इन्हें वहाँ सुजन भी हो जाती है.
वैसे तो ये किसी को भी हो सकती है किन्तु अकसर ये रोग 40 से अधिक उम्र के पुरुषों में ही देखा जाता है. इसका उपचार करने के लिए जरूरी है कि इस पानी को बाहर निकाला जाएं
हाइड्रोसील के होने के कारण
हाइड्रोसील के होने के लक्षण
हाइड्रोसील रोग का उपचार
हाइड्रोसीलके उपचार के रूप में अधिकतर रोगी इसकी सर्जरी या एस्पीरेशन कराते है. जिसमे बहुत धन समय लगता है साथ ही इसके कुछ अन्य परिणाम भी हो सकते है. किन्तु इस रोग से उपचार के रूप में रोगी कुछ प्राकृतिक आयुर्वेदिक उपायों को भी अपना सकते है. ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में आज हम आपको बता रहें है जिनका उपयोग करने आप घर बैठे इस रोग से मुक्ति पा सकते हो
सूर्यतप्त जल : रोगी 25 मिलीलीटर पानी को पीतल के गिलास या पिली बोतल में सूरज की रोशनी में गर्म करें और उस पानी का दिन में 4 से 5 बार ग्रहण करना चाहियें. जलतप्त पानी पीने के 1 घंटे बाद रोगी अपने अंडकोष पर लाल प्रकाश डालें और अगले 2 घंटे बाद नीला प्रकाश डालें. इस प्रक्रिया को अपनाने से भी रोगी को हाइड्रोसील से जल्द ही आराम मिलता है.
संतरे का रस : रोगी रोजाना 15 से 20 दिनों तक दिन में 2 बार संतरे या अनारे के रस का सेवन करें. साथ ही सलाद में भी कच्चा नींबू डालकर खायें. ये हाइड्रोसील की सफल प्राकृतिक चिकित्सा है. इसके साथ ही रोगी को उपवास भी रखने चाहियें. इससे भी अंडकोषों में जलभराव कम होता है
5 ग्राम काली मिर्च और 10 ग्राम जीरा लें और उन्हें अच्छी तरह पीस लें. इसमें आप थोडा सरसों या जैतून का तेल मिलाएं और इसे गर्म कर लें. इसके बाद इसमें थोडा गर्म पानी मिलाकर इसका पतला घोल बना लें और इसे बढे हुए अंडकोषों पर लगायें. इस उपाय को सुबह शाम 3 से 4 दिन तक इस्तेमाल करें आपको जरुर लाभ मिलेगा.
आप 20 ग्राम माजूफल और 5 ग्राम फिटकरी को पीसकर उनका लेप तैयार करें और उसे सूजे हुए अंडकोषों पर लगायें. जल्द ही उनका पानी सुख जायेगा.
काटेरी की जड़ : अंडकोषों में पानी भर जाने पर रोगी 10 ग्राम काटेरी की जड़ को सुखाकर उसे पीस लें. फिर उसके पाउडर / चूर्ण में 7 ग्राम की मात्रा में पीसी हुई काली मिर्च डालें और उसे पानी के साथ ग्रहण करें. इस उपाय को नियमित रूप से 7 दिन तक अपनाएँ. ये हाइड्रोसील का रामबाण इलाज माना जाता है क्योकि इससे ये रोग जड़ से खत्म हो जाता है और दोबारा अंडकोषों में पानी नही भरता.
लेप : हाइड्रोसील के इलाज के लिए आयुर्वेद में मुख्य रूप से लेप का इस्तेमाल किया जाता है इसलिए आप कुछ लेप का इस्तेमाल कर भी इस रोग से मुक्त हो सकते हो.
स्नान : हाइड्रोसील के रोगियों के उपचार में स्नान भी विशेष स्थान रखता है इसलिए इन्हें हमेशा गर्म पानी में नमक डालकर ही स्नान करना चाहियें. इसके अलावा रोगी कटिस्नान, सूर्यस्नान और मेह्स्नान भी ले सकता है. इससे रोगी को जल्द ही आराम मिलता है
इन सब प्राकृतिक उपायों से हाइड्रोसील / अंडकोष में वृद्धि जैसी समस्या का समाधान किया जाता है. इन उपायों को अपनाने के साथ साथ रोगी को रोज सुबह खुली हवा में व्यायाम भी करना चाहियें. इन प्राकृतिक उपायों में ना तो अधिक धन व्यय करने की आवश्यकता होती है और ना ही इनसे किसी तरह के साइड इफ़ेक्ट का ही ख़तरा होता है. ये इस रोग को जड़ से समाप्त कर देते है जिससे इसके दोबारा होने की संभावना भी कम हो जाती है.