स्टडी में दावा- एयरपोर्ट-रेलवे स्टेशन पर स्क्रीनिंग से थमेगा कोरोना वायरस का प्रसार

एक नए वैज्ञानिक अध्ययन में पाया गया है कि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों और ट्रेन स्टेशनों पर लोगों की स्क्रीनिंग कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार को थोड़ा धीमा कर सकती है. डेली मेल की एक रिपोर्ट के अनुसार, एयरपोर्ट पर ही उच्च संक्रमण वाले क्षेत्रों से वापस लौटे लोगों की जांच के अलावा उन्हें क्वारंटाइन करने की प्रक्रिया भी अपनाई गई है. सभी देशों की सरकार ने ऐसी स्थिति का सामना किया है.

उदाहरण के लिए ब्रिटेन में उच्च संक्रमण वाले देशों से आने वाले लोगों को दो सप्ताह के लिए क्वारंटाइन में रहने के लिए गया है. वर्तमान में इस सूची में फ्रांस, स्पेन और पुर्तगाल भी शामिल हैं. वहीं हीथ्रो हवाई अड्डे पर प्रति दिन 13,000 लोगों के परीक्षण की सुविधा है, इसका उपयोग फिलहाल नहीं किया जा रहा है.
अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों के एक समूह कोक्रेन लाइब्रेरी ने 22 अध्ययन करके स्क्रीनिंग के पक्ष में कमजोर साक्ष्य पाया है. रिसर्च में यह पाया गया है कि अगर दस संक्रमित व्यक्ति प्रतिदिन आते हैं तो स्थानीय स्तर पर 8 दिन के अंदर बीमारी फैल सकती है. एक अध्ययन बताता है, एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग संक्रमित लोगों की संख्या को कम कर सकती है लेकिन इसे पूरी तरह रोक नहीं सकती है.
रेलवे स्टेशन या एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग के जरिए में लोगों की स्वास्थ्य जांच करने यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि क्या उनमें कोविड-19 का कोई लक्षण है. इसमें थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है.
बता दें कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के तीन करोड़ मामले सामने आ चुके हैं और लाखों लोगों की मौत हुई है. चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस के चपेट में पूरी दुनिया है. शुरुआत में कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रसार में यात्रा कर लोगों के जरिए ही हुआ. यह जानकारी सामने आते ही दुनिया के कई देशों ने स्थानीय-विदेशी उड़ानों को रद्द कर दिया था.
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