हिंदू धर्म में सोमवार के दिन को भगवान शिव का दिन माना गया हैं। इस दिन शिव की विशेष आराधना की जाती हैं आज सोमवार का दिन है ऐसे में आज हम आपको शिव के सबसे प्रभावशाली महामृत्युंजय मंत्र के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं महामृत्युंजय मंत्र के जाप की विधि, नियम और फायदें क्या हैं।
महामृत्युंजय मंत्र का जाप कुछ खास परिस्थितियों में ही करना उचित होता हैं अकाल मृत्यु, महारोग, धन हानि, गृह क्लेश, ग्रहबाधा, ग्रहपीड़ा, सजा का भय, प्रॉपर्टी विवाद, सभी तरह के पापों से मुक्ति जैसी स्थितियों में शिव के महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना लाभकारी होता हैं
इसके चमत्कारिक फायदें देखने को भी मिलते हैं इन समस्याओं से मुक्ति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप या लघु मृत्युंजय मंत्र का जाप किया जा सकता हैं।
यहां पढ़ें संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र-
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।
पढ़ें लघु मृत्युंजय मंत्र-
ॐ जूं स माम् पालय पालय स: जूं ॐ।
आपको बता दें कि महामृत्युंजय मंत्र का जाप सवा लाख बार करना चाहिए। शिव के लघु मृत्युंजय मंत्र का जाप 11 लाख बार किया जा सकता हैं सावन महीने में इस मंत्र का जाप बहुत ही शुभ और कल्याणकारी माना गया हैं अगर आप अन्य महीने में इस मंत्र का जाप करना चाहते हैं तो सोमवार के दिन से इसकी शुरूवात कर सकते हैं इस मंत्र के जाप में रुद्राक्ष की माला का प्रयोग किया जाता हैं।