हम जब घर आदि बनाने के लिए सोचते हैं तो सबसे पहले एक अच्छी जमीन खरीदते हैं लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार घर बनाने के लिए खाली जमीन का चुनाव भी सोच समझ कर करना चाहिए। हिंदू वास्तु शास्त्र में बहुत विश्वास रखते हैं और इसी के अनुसार घर का निर्माण भी करते हैं।
अगर आप किसी भी भूमि पर मकान का निर्माण करते हैं तो इसका दुष्प्रभाव पड़ता है इसलिए सोच समझ कर जमीन का चुनाव करना चाहिए।
किसी को ऐसी भूमि नहीं खरीदनी चाहिए जो त्रिभुज आकार मे हो या जिसमें तीन कोने हों। कार के आकार का शेप शक्तिशाली होता है। साथ ही जो भूमि नदी के कटाव के पास है जहाँ बड़े पत्थर और ज़िगज़ैग्ड लैंड हैं, अर्थात् कोई आकार नहीं है, ऐसी भूमि बेकार है।
भूमि परीक्षण बीज बो कर भी किया जाता है। यदि बीज समय पर अंकुरित हो जाए तो ऐसी भूमि पर निर्माण करना वास्तु में उचित माना जाता है।
भूखंड की खुदाई में कपाल, हड्डी, बाल,कपड़ा, कोयला, चींटियां, जली लकड़ी, सर्प, कौड़ी, रुई अथवा लोहा मिले तो अनिष्ट होता है।लेकिन पत्थर मिलें तो धनलाभ, ईंट मिलें तो बढ़ोत्तरी एवं तांबे के सिक्के आदि निकलें तो ऐसी भूमि सुख-समृद्धि दायक होती है।
घर के लिए ऐसी जमीन का चयन कभी नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, जहां कोई चौराहा है या जहां पास में श्मशान घाट है, ऐसी जमीन से बचना चाहिए। इन पर भवन का निर्माण कभी नहीं करना चाहिए।