जॉर्डन के दूसरे सबसे बड़े शहर जरका में शुक्रवार को एक सैन्य अड्डे के गोदाम में कई बड़े धमाके हुए. धमाके के बाद आसमान में आग के गोले उठने लगे. सेना ने बताया कि जवानों द्वारा बेकार पड़े मोर्टार गोले को निष्क्रिय करने के दौरान तेज धमाके हुए. हालाकि इस घटना में किसी के घायल होने की खबर नहीं है.
सरकार ने पहले धमाकों के लिए बिजली के शॉर्ट सर्किट को जिम्मेदार ठहराया था, धमाका इतना तेज था कि दक्षिण-पश्चिम में 35 किमी दूर राजधानी अम्मान में भी इसकी आवाज सुनाई दी. सुरक्षा बलों ने जरका को सील कर दिया है और यातायात पर रोक लगा दी गई है. मीडिया को भी विस्फोट वाली जगह पर जाने से रोका जा रहा है.
Locals filming the video can be heard comparing it to the Beirut port blast, saying it's "something chemical". pic.twitter.com/WurkopBouL
- Beirut.com (@BeirutCityGuide) September 10, 2020
जरका में तेज धमाके से टूटा खिड़कियों का कांच
जरका की रहने वाली एक महिला नबीला इस्का ने बताया कि धमाका इतना तेज था कि एसा लगा जैसे कोई भकंप आ गया हो, उनके घर की खिड़कियां हिल गईं और कांच बिखर गया, उनके बच्चे रोने लगे.
सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल तलाल अल घोबेन ने कहा कि जांच से पता चलता है कि शहर के पूर्वी इलाके में हथियारों के डिपो में "मोर्टार के गोले का थर्मल विस्तार" ही 1.5 मिलियन लोगों के इतने बड़े शहर में तेज गर्मी का कारण है.
विस्फोट के बाद गर्मी ने तोड़ा दशकों का रिकॉर्ड
सैन्य सूत्रों का कहना है कि विस्फोट स्थल एक उच्च सुरक्षा इलाके के अंदर है, जहां देश के कुछ प्रमुख अमेरिकी सेना के हथियारों से लैस ठिकाने हैं. धमाके की वजह से जॉर्डन के पड़ोसी राज्य सीरिया, इज़राइल, फिलिस्तीनी इराक के इलाकों में इस महीने तापमान में 45 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है, इतना तापमान पिछले कई दशकों में नहीं देखा गया.
वहीं सेना के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल युसेफ अल हुनेती ने राज्य की मीडिया को बताया कि दुर्घटना से निपटने के लिए काफी तेजी से काम किया जा रहा है, जिसकी वजह से नुकसान कम हुआ है. जॉर्डन का यह शहर एक आदर्श लॉजिस्टिक्स शहर है और यूनाइट स्टेट्स के लिए सप्लाई हब है, जिसमें दक्षिण-पूर्वी सीरिया में टैनफ में अमेरिकी सेना की सिक्योरिटी भी शामिल है.