चीन का काम खत्म. बरबाद हो जाएगी चीन की इकोनॉमी, जी हां ऐसा हो सकता है बस इसमें सरकार के साथ साथ आपको भी कुछ खास कदम उठाने की जरुरत है. भारत सककार ने राजनीति, कूटनीति के साथ साथ चीन की इकोनॉमी ( Economy ) को कमजोर करने के लिए कई अहम फैसले लिए हैं. इनमें से सबसे अहम फैसला था चाइनीज एप्स को बैन करना. भारत सरकार के इस कदम से चीन बुरी तरह तिलमिला गया है. क्योंकि चीन के लिए भारत सबसे बड़ा बाजार है. केवल चीनी एप्स ही नहीं बल्कि 5 अहम सेक्टर्स में चीन ने भारत के मार्केट पर कब्जा जमा रखा है. अगर आप और हम इनका बॉयकॉट करते हैं तो चीनी अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान होगा.
समार्टफोन में 72 फीसदी मार्केट पर कब्जा
चीनी एप्स के बाद भारत में लोग अगर सबसे ज्यादा किसी चीज का इस्तेमाल करते हैं तो वो हैं चीन के स्मार्टफोन्स. वीवो, ओपो, रियलमी जैसी चीनी कंपनियों ने भारत के 72 फीसदी स्मार्टफोन के मार्केट पर कब्जा जमा रखा है. आपको जानकर हैरानी होगी कि जनवरी-मार्च तिमाही में यह शेयर 81 फीसदी था जो अब जून तिमाही में घटकर 71 फीसदी पर आ गया है. लेकिन जिस दिन यह शेयर 0 फीसदी पर आ जाएगा. उस दिन समझिए चीन को तगड़ा झटका लगेगा. हालांकि भारत सरकार इस दिशा में काम कर रही है.
खिलौने, रोजमर्रा की चीजों से 40 हजार करोड़ का नुकसान
स्मार्टफोन के बाद चीन की पकड़ भारत के खिलौने और रोजमर्रा की चीजों पर हैं. इसका सबसे बड़ा उदाहरण है ऱाखी में भारतीय कारोबारियों की ओर से चीनी राखियों का बहिष्कार करना. केवल एक त्योहार में चीनी ऱाखियों के बहिष्कार से चीन को 40 हजार करोड़ का नुकसान हुआ था. ठीक इसी तरह गणपति के चीनी मूर्तियों और खिलौने से भी चीन को काफी झटका झेलना पड़ा था. तो जरा सोचिए कि अगर एक दिन के त्योहार से चीन को 40 हजार करोड़ का नुकसान होता है. तो अगर हम पूरी तरह से इसका बहिष्कार कर देंगे तो चीन की क्या हालत होगी.
मेडिसिन सेक्टर पर कब्जा
चीन की तीसरी सबसे बड़ी ताकत है भारत का दवा मार्केट. दरअसल दवाओं के निर्माण में जो एपीआई यानी कच्चे माल की जरुरत होती है वो चीन से आती है. एपीआई पर चीन का कब्जा 85 फीसदी से ज्यादा है. अगर हम इसमे आत्ममनिर्भर हो जाते है तो इस सेक्टर में चीन को काफी झटका लगेगा. औऱ साथ ही हमारे देश के लाखों रोजगार पैदा होंगे.
स्मार्ट टीवी के मार्केट पर चीन का दबदबा
भारत में कुल 25000 करोड़ के स्मार्टफोन टीवी के बाजार में केवल चीन की हिस्सेदारी 45 फीसदी से ज्यादा है. अगर हम इस मार्केट को तोड़ पाते हैं तो चीन को जोरदार झटका देने में कामयाब हो सकते हैं. वहीं 12000 करोड़ के टेलिकॉम इक्विपमेंट मार्केट पर भी अकेले चीन की हिस्सेदारी 25 फीसदी से ज्यादा है. इसे भी तोड़ना जरुरी है.
सोलर पैनल में 90 फीसदी की हिस्सेदारी
चीन के लिए भारत का पांचवा सबसे अहम बाजार है सोलर पैनल का बाजार. इस मार्केट में तो चीन की हिस्सेदारी 90 फीसदी की है. भारत में सोलर पावर का कुल मार्केट 37,916 मेगावाट का है. हालांकि भारत के लिए यह एकदम से करना मुश्किल है। क्योंकि घरेलू स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग काफी कमजोर है। जबकि इसके दूसरे विकल्प पर अगर हम काम करते हैं तो निश्चित रुप से चीन को जोरदार झटका दे सकते हैं,