स्तन रूपांतरित स्वेद ग्रंथियां है, जो दुग्ध उत्पन्न करती हैं और यह दुग्ध नवजात और छोटे बच्चों के पीने के काम आता है। प्रत्येक स्तन में एक चूचुक और स्तनमण्डल (एरिओला) होता है। स्तनमण्डल का रंग गुलाबी से लेकर गहरा भूरा तक हो सकता है साथ ही इस क्षेत्र में बहुत सी स्वेदजनक ग्रंथियां भी उपस्थित होती हैं।
जब से ये दुनिया बनी है महिलाओं के ब्रेस्ट हमेशा से सेक्सुअल आकर्षण का केंद्र रहे हैं। पुरुष इन्हें निहारते हैं और महिलाएं इन्हें संवारती हैं। स्तनों को उभारने या सुडौल बनाने की इच्छा हमेशा से ही महिलाओं को रही है, लेकिन ज्यादातर महिलाओं को नहीं मालूम कि उन्हें ब्रेस्ट की देखभाल कैसे करनी चाहिए?
हम ब्रेस्ट से संबंधित कुछ ऐसे फैक्ट बता रहे हैं जो शायद आपको अब तक मालूम न हों।
1. आजकल लड़कियां सुंदर दिखने के लिए ही ब्रेस्ट सर्जरी करा रहीं है। पहले तो उच्च वर्ग कि महिलाएं ही ब्रेस्ट सर्जरी करवातीं थी, लेकिन अब तो उच्च वर्ग और मध्यम वर्ग से भी काफी महिलाएं और लड़कियां ऐसा करवा रही हैं।
2. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंसन की एक रिपोर्ट के अनुसार ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के लिए पांच फीसदी से अधिक महिलाओं ने तीन महीने तक और चार फीसदी महिलाओं ने अपने बच्चे को छह महीने तक स्तनपान कराना शुरू किया है।
3. पीरियड्स के दौरान शरीर के हर्मोन लेवल में उतार-चढ़ाव आते हैं जिसका असर ब्रेस्ट साइज पर पड़ता है। साथ ही उम्र के अलग-अलग पड़ावों जैसे गर्भाधान और मीनोपॉज के दौरान भी ब्रेस्ट और निपल्स के साइज़ का बदलना स्वाभाविक है।
4. महिलाओं के निप्पल पर बाल नहीं होते लेकिन कुछ महिलाओं के निप्पल पर बाल होते हैं जो स्वाभाविक हैं।अगर बालों की संख्या ज्यादा है तो चिंता का विषय हो सकता है। इसके लिए संबंधित डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
5. ब्रेस्ट में गांठ हो तो अक्सर महिलाएं घबरा जाती हैं लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार 80 से 85 फीसदी गांठ कैंसर नहीं होते। 40 से कम उम्र की महिलाओं में मंथली पीरियड के पहले स्वस्थ ब्रेस्ट में टिश्यू की संख्या बढ़ जाती है जिसकी वजह से उसकी साइज बढ़ जाती है। इससे परेशान होने की कोई जरुरत नहीं है। अगर इसके बाद भी शक हो तो डॉक्टर से ब्रेस्ट कैंसर की जांच करवा लेनी चाहिए।
6. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि अगर कोई महिला गर्भधारण करती है तो लोगों को इसकी जानकारी उसके पेट से पहले ब्रेस्ट दे देते हैं।गर्भ धारण की पहली तिमाही में ब्रेस्ट मुलायम होकर बदलने लगते हैं। इसका यह मतलब है कि महिला का शरीर स्तनपान के लिए तैयार हो रहा है।