चीन से टकराव के बीच भारत-जापान ने किया बड़ा समझौता, शिंजो आबे ने पीएम मोदी से की फोन पर बात

चीन को सबक सिखाने के लिए भारत अपनी अंतरराष्ट्रीय नीतियों पर काम कर रहा है. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के बीच गुरुवार को फोन पर बात हुई, जिसमें आबे ने इंडो-पैसिफिक रीजन में भारत और जापान की तरफ से उठाए गए कदमों के बारे में चर्चा की है.

इसके अलावा उन्होंने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के बारे में भी बात की. जापान के विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों नेताओं की बीच फोन पर करीब आधे घंटे बातचीत हुई.
मंत्रालय ने बताया कि शिंजो आबे ने पिछले महीने अपने इस्तीफे की घोषणा करने का कारण बताने के लिए पीएम मोदी को फोन किया था. इस दौरान कई अहम मुद्दों सहित, कई क्षेत्रों में आपसी भागेदारी और द्वीपक्षीय संबंधों में और ज्यादा मजबूती लाने पर जोर दिया गया है. मालूम हो कि पीएम आबे ने स्वास्थ्य कारणों के चलते प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी.
नेतृत्व बदलाव का दोनों देशों के रिश्तों पर नहीं पडे़गा असर
इस बातचीत में दोनों नेताओं ने आश्वासन जताया कि जापान में नेतृत्व बदलाव के बावजूद भी दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर किसी भी तरह का कोई असर नहीं पड़ेगा. मालूम हो कि शिंजो आबे के इस कार्यकाल के दौरान दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग और समुद्री इलाकों में सुरक्षा जैसे कई अहम मुद्दों पर द्विपक्षीय साझेदारी हुई है.
दोनों नेताओं ने इस बात पर भी सहमति जताई कि भारत और जापान के बीच बेसिक पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं आएगा. साथ ही दोनों देश आर्थिक, आर्थिक सहयोग और सुरक्षा के क्षेत्र में मिल कर काम कर करना जारी रखेंगे.
चीन की विस्तारवादी नीति को देखते हुए जापान के साथ समझौता
इसी कड़ी में इंडो-पैसिफिक रीजन में चीन की विस्तारवादी नीति को देखते हुए भारत ने जापान के साथ म्यूचुअल लॉजिस्टिक सपोर्ट अरेंजमेंट (MLSA) का समझौता किया है. रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि समझौते पर रक्षा सचिव अजय कुमार और जापानी राजदूत सुजुकी सातोशी ने हस्ताक्षर किए.
अधिकारी ने कहा कि समझौता दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच निकट सहयोग, एक दूसरे की सैन्य सुविधाओं के उपयोग के लिए एक सक्षम ढांचे के निर्माण के लिए काफी मददगार साबित होगा. मालूम हो कि भारत ने इसी तरह के समझौते अमेरिका, फ्रांस, साउथ कोरिया, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया के साथ भी किए हैं.
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