खालिस्तानी झंडा फहराने-तिरंगे का अपमान मामला: मोगा पहुंची NIA की टीम, जाचं शुरू

पंजाब के मोगा में 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले खालिस्तानी झंडा फहराए जाने और तिरंगे के अपमान मामले में एनआईए (NIA) ने जाचं शुरू कर दी है. गृह मंत्रालय के आदेश के बाद एनआईए की चार सदस्यीय टीम मंगलवार को मोगा पहुंची. इस मामले में सात आरोपियों पर FIR दर्ज की गई है. साथ ही पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

तिरंगे के अपमान और खालिस्तानी झंडा फहराए जाने के मामले में एनआईए ( NIA) ने मुख्य तीन लोगों की पहचान की है जो कि इंद्रजीत सिंह (32) जसपाल सिंह (26) और आकाशदीप सिंह (19) हैं. पुलिस ने बताया कि इंद्रजीत सिंह और जसपाल ने कथित तौर पर खालिस्तानी झंडा फहराया और आकाशदीप ने अपने फोन से इसका वीडियो रिकॉर्ड किया.
'2,500 डॉलर देकर लगवाया गया खालिस्तानी झंडा'
पुलिस का कहना है कि तीनों आरोपियों ने एक प्रतिबंधित अमेरिकी खालिस्तानी संगठन 'सिख्स फॉर जस्टिस' (SFJ) के इशारे पर यह काम किया. एसएफजे (SFJ) का कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नू भारत सरकार द्वारा नामित आतंकवादी है. गुरुपवंत सिंह पन्नू भारत सरकार द्वारा घोषित आतंकवादी है, जिसने तीनों आरोपियों को 2,500 डॉलर का लालच देकर यह खालिस्तानी झंडा लगवाया था. पन्नू के नाम पर भी एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है. एनआईए ने एफआईआर (FIR) में लिखा कि 'अब तक की गई जांच में एसएफजे (SFJ) के गुरपतवंत सिंह पन्नू की भूमिका सामने आई है, जो एक नामित आतंकवादी है, खालिस्तानी झंडा फहराने का वीडियो पन्नू के निर्देश पर सोशल मीडिया पर फैलाया गया था.
आतंकियों ने 15 दिन पहले दी थी खालिस्तानी झंडा लगाने की धमकी
इंस्पेक्टर चौबे ने कहा कि मामले की जांच के लिए वह मोगा में हैं और आगे की जाचं का खुलासा फिलहाल नहीं किया जा सकता है. बतादें कि खालिस्तानी आतंकियों ने स्वतंत्रता दिवस से 15 दिन पहले ही झंडा फहराने की चेतावनी दी थी लेकिन पंजाब सरकार ने इसे गंभीरता ने नहीं लिया था.

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