कोरोनावायरस से खराब फेफड़े और दिल 3 महीने में खुद-ब-खुद हो रहे ठीक, ऑस्ट्रिया की रिसर्च में दावा

कोरोनावायरस संक्रमण से रिकवर होने वाले लोगों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. ऑस्ट्रिया में हुई एक रिसर्च में सामने आया है कि संक्रमण खत्म होने के 3 माह बाद फेफड़े और हार्ट खुद-ब-खुद रिपेयर होना शुरू कर देते हैं. यह रिसर्च यूरोपियन रेस्पिरेट्री सोसायटी इंटरनेशनल कॉन्ग्रेस जर्नल में पब्लिश हुई है. इस रिसर्च को 29 अप्रैल से 9 जून के बीच कोरोना के 86 मरीजों पर पूरा किया गया.

रिसर्चर डॉ. सबीना शाहनिक ने स्टडी में पाया कि कोरोना के मरीजों को इलाज के बाद छठवें हफ्ते में चेकअप के लिए बुलाया गया तो 50 फीसदी से अधिक मरीजों में कोई न कोई एक समस्या जरूर थी. जैसे- सांस लेने में दिक्कत होना, खांसी, सीटी स्कैन से देखने पर 88 फीसदी मरीजों के फेफड़े डैमेज मिले.
इन्हें जब इन लोगों का 12वें हफ्ते में चेकअप किया गया तो इन मरीजों के फेफड़े 56 फीसदी तक रिपेयर हुए. इनमें 65 फीसदी ऐसे मरीज थे जिन्हें पहले चेकअप के दौरान सांस लेने में दिक्कत और खांसी से जूझ रहे थे. मरीजों के इन लक्षणों में भी सुधार देखा गया. 24वें हफ्ते में हुए चेकअप में काफी हद तक डैमेज रिपेयर हुआ.
सैल्मन मछली में एक हफ्ते तक जिंदा रह सकता है वायरस
वहीं चीन (China) में की गई एक रिसर्च मुताबिक, सैल्मन मछली (Salmon Fish) से कोरोनावायरस संक्रमण फैल सकता है. शोधकर्ताओं के अनुसार, आयात की गई सैल्मन मछली संक्रमण का संभावित स्रोत बन सकती है. पिछले साल के अंत में कोरोना संक्रमण का पहला मामला चीन के वुहान शहर में एक सी फूड (Sea Food) और मीट के मार्केट में सामने आया था. बीजिंग ने फेंगतई जिले में शिनफादी बाजार और जिंगशेन सीफूड मार्केट को तुरंत बंद कर दिया था.
साउथ चाइना एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी और गुआंगझोउ (Guangzhou) में ग्वांगडोंग एकेडमी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज के शोधकर्ताओं ने कहा कि सैल्मन मछली के सैंपल की जांच करने पर यह बात सामने आई है कि 4 डिग्री सेल्सियस (39 डिग्री फारेनहाइट) पर सैल्मन मछली पर SARS-CoV-2 (नया कोरोनावायरस) आठ दिनों तक जिंदा रह सकता है. अहम बात यह है कि इतने ही तापमान पर मछली को ले जाया जाता है.

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