हिन्दू धर्म (संस्कृत: सनातन धर्म) एक धर्म (या, जीवन पद्धति) है जिसके अनुयायी अधिकांशतः भारत ,नेपाल और मॉरिशस में बहुमत में हैं। इसे विश्व का प्राचीनतम धर्म माना जाता है। इसे 'वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म' भी कहते हैं जिसका अर्थ है कि इसकी उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति से भी पहले से है। हिंदू धर्म के रोचक तथ्य। हिंदू धर्म दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है और इसके साथ बहुत से दर्शन और मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। हिंदू धर्म के अपनी सदियों पुरानी परंपराओं और मान्यताओं को आगे बढ़ाती जा रही है। हम आज भी पुराने रीति-रिवाजों को मानते चले आ रहे हैं। बचपन से आप बड़े-बुज़ुर्गों के मुंह से हिंदू धर्म के बारे में बहुत कुछ सुनते आए होंगे, बावजूद इसके हिंदू धर्म के बारे में बहुत सी ऐसी बातें है जो शायद आपको किसी ने नहीं बताई होगी। यहां रहे हिंदू धर्म के रोचक तथ्य। असली नाम सनातन धर्म कुछ लोग इसे वैदिक धर्म भी कहते हैं। सनातन का अर्थ है अनंत धर्म या अनंत सत्य। कोई संस्थापक नहीं दूसरे धर्मों की तरह हिंदू धर्म का कोई संस्थापक नहीं है। यह भारत का राज्यधर्म है और 1500-2000 ईसा पूर्व में ये चलन में आया। उस समय से संत और पुजारियों ने इस धर्म को बढ़ावा दिया। इसका कोई एक संस्थापक नहीं है। सिर्फ एक ईश्वर हिंदू धर्म में सिर्फ एक ही ईश्वर है और वो है ब्राह्मण। ब्राह्मण के तीन रूप है, ब्रह्मा, विष्णु औक महेश। आगे फिर इनके अनेक रूप है, जिसमें राम, कृष्ण, देवी सरस्वती, लक्ष्मी आदि शामिल हैं। पत्थर से लेकर पौधों तक की पूजा हिंदू धर्म में सिर्फ मूर्ति की ही पूजा नहीं की जाती, बल्कि पेड़ पौधों और पत्थर के अलावा लोग पृथ्वी और गाय की भी पूजा करते हैं। यानी हिंदू धर्म मूर्तिपूजन तक सीमित नहीं करता है। एकमात्र धर्म जो नारीवाद को बढ़ावा देता है हिंदू धर्म का रोचक तथ्य यह भी है कि यह धर्म नारीवाद को बढ़ावा देता है। राम, कृष्ण, शिव, माता लक्ष्मी, माता सरस्वती, माता वैष्णो आदि को ब्रह्मा जी ने समान अधिकार दिए थे। देवियों को देवताओं के बराबर की शक्ति प्राप्त थी। मासिक धर्म वाली देवी की पूजा मासिक धर्म को लेकर भले ही हमारे समाज में झिझक वो, मगर असम के कामख्या देवी मंदिर में कामाख्या माता की पूजा की जाती और कहा जाता है देवी मां मासिक धर्म में हैं। पीरियड्स के दौरान देवी की पूजा किए जाने से ये संदेश जाता है की पीरियड्स के दौरान महिलाएं अपवित्र नहीं होती। कुछ हिंदू मंदिर अलग उद्देश्य के लिए बनाए गए आपन खजुराहों के मंदिर के बारे में तो सुना ही होगा जहां देवी-देवताओं की जगह कामुक मूर्तियों की भरमार है। दरअसल, ये मंदिर उस वक़्त बना था जब लोग सांसारिक सुख छोड़कर संत बनकर मंदिरों में ही अपना समय बिताने लगे थे, जिससे उस क्षेत्र की जनसंख्या तेज़ी से कम होने लगी थी।