बिहार हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति का मामला, सुप्रीम कोर्ट ने अब तक वापस भेजे 20 से ज्यादा नाम

जजों की नियुक्ति से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. पता चला है कि पटना हाई कोर्ट के जज बनाने के लिए जिन 20 से ज्यादा वकीलों के नामों की सिफारिश की गई थी उन सभी को सुप्रीम कोर्ट ने वापस भेज दिया है. इनमें से 15 जजों के नामों की सिफारिश पटना हाई कोर्ट की कोलेजियम ने पिछले साल की थी. इससे पहले भी आधा दर्जन नामों की सिफारिश हुई थी और उन्हें भी वापस भेज दिया गया था.

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर में इसकी जानकारी दी गई है. यह मामला हैरान इसलिए करता है क्योंकि ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि सुप्रीम कोर्ट उन सभी नामों को रिजेक्ट कर दे जो हाई कोर्ट द्वारा सुझाए जाते हैं. खबर के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने इसके पीछे की वजह अभी नहीं बताई है.
पटना हाईकोर्ट में कुल 53 पोस्ट में से 30 हैं खाली
बता दें कि पटना हाईकोर्ट में जजों की 53 पोस्ट हैं, इसमें से 30 पोस्ट खाली हैं. बता दें कि प्रोसेस के मुताबिक, हाईकोर्ट कोलेजियम नामों को केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट को बढ़ाता है. फिर कानून मंत्रालय आईबी से इनके बैकग्राउंड का वैरिफिकेशन करवाता है. फिर जो कुछ निकलकर आता है उसकी जानकारी राज्य सरकार और गवर्नर से साझा की जाती है.
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खबर के मुताबिक, कुछ ऐसे आरोप लग रहे हैं कि कोलेजियम ने जिन नामों की सिफारिश की थी उसमें जाति कार्ड का ऐंगल मिला था, जिसमें पिछड़ी जाति को नजरअंदाज करने के आरोप लगे थे. पटना हाई कोर्ट में कुछ जातियों का पक्ष लेने के आरोपों वाली रिट याचिका भी दायर हुई थी.
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इस याचिका को पटना हाईकोर्ट ने तो खारिज कर दिया था लेकिन फिर सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के पास ये शिकायत पहुंची थी. साल 2018 में पटना हाई कोर्ट ने जिन नामों की सिफारिश दी थी उनपर विवाद हुआ था, जिसके चलते प्रक्रिया में देरी हुई.

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