कांग्रेस पार्टी में आया सियासी तूफान थमने की जगह बढ़ता ही जा रहा है। नेतृत्व के मुद्दे पर पार्टी 2 खेमों में बंटी नजर आ रही है, जो आगे जाकर खतरनाक साबित हो सकता है। सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं ने एक बार फिर अपनी आवाज उठाते हुए पार्टी की स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है।
सोनिया गांधी को लिखे खुले पत्र में कहा गया कि कांग्रेस का कार्यकर्ता कभी इतना हताश नहीं रहा, जितना वह आज अपने को महसूस कर रहा है। राहुल गांधी को स्पष्ट कर देना चाहिए कि वह खुद को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार घोषित करेंगे या नहीं।
पत्र में सोनिया गांधी के लिए संबोधित करते हुए लिखा गया कि या तो आपने सब कुछ जानते हुए आंखें मूंद ली है या फिर घटनाएं आपके संज्ञान में नहीं लाई जा रही हैं। सोनिया गांधी से कहा गया क वह पार्टी को महज ‘इतिहास’ का हिस्सा बनकर रह जाने से बचा लें। साथ ही उनसे परिवार के मोह से ऊपर उठकर काम करने की अपील की गई है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने पत्र में यह भी दावा किया कि पार्टी के पदों पर उन लोगों का कब्जा है जो वेतन के आधार पर काम कर रहे हैं और पार्टी के प्राथमिक सदस्य भी नहीं हैं। ये नेता पार्टी की विचारधारा से परिचित नहीं हैं। दरअसल 14 सितंबर से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र (monsoon session) से पहले कांग्रेस के सभी नेता एक बार फिर वर्चुअल तरीके से इकट्ठा होने वाले हैं। ऐसे में पार्टी वरिष्ठ नेता चाहते हैं कि कांग्रेस के अध्यक्ष को लेकर स्थिति स्पष्ट हो।
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