शोध : कोरोना का दोहरा हमला! युवा को मधुमेह रोगी बना सकता है !

कोरोना महामारी (Corona Epidemic) पूरी दुनिया में फैल गई है। इस कोरोना संकट के कारण सामान्य जीवन भी बहुत व्यस्त हो गया है। जानकारी के अनुसार, लोग न केवल कोरोना से मर रहे हैं, बल्कि मधुमेह जैसी खतरनाक बीमारी से भी पीड़ित हैं। जी हां, कोरोना महामारी ने मधुमेह का खतरा बढ़ा दिया है। एक इंटरनेशनल स्टेग ने पाया कि केवल 19 साल के युवाओं ने वायरस की चपेट में आने के बाद मधुमेह का शिकार हो गए।

बता दें कि जब इस युवक का परीक्षण किया गया तो पाया गया कि उसके शरीर में वजन की कमी के साथ-साथ इंसुलिन की कमी भी पाई गई। इस बारे में, भारतीय डॉक्टर का कहना है कि कोरोना न केवल युवा को मधुमेह का रोगी बना रहा है, बल्कि उन लोगों के लिए भी खतरा बढ़ रहा है जो पहले से ही इस बीमारी से जूझ रहे हैं।
इंटरनेशनल स्टैटिस्टिकल जर्नल मेटाबोलिज्म में प्रकाशित एक केस स्टडी के अनुसार, महामारी शरीर के अग्न्याशय को काफी प्रभावित करती है, जिससे पेनिक्रिया की बीटा कोशिकाओं में निर्मित इंसुलिन की क्षमता प्रभावित होती है या तो मनुष्यों में इंसुलिन का उत्पादन कम हो जाता है या इसलिए पूरी तरह से समाप्त होने का श्रम होता है। ।
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एम्स के डॉक्टर नीरज निश्चल का कहना है कि कोरोना इंसान के पूरे शरीर को प्रभावित करता है, जिससे मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है।
डॉक्टर के अनुसार, जिन लोगों को पहले से ही मधुमेह है और वे वायरस की चपेट में हैं, तो मानव का पलायन नगण्य हो जाता है। इसी समय, जो लोग कोरोना से उबर चुके हैं, उन्हें अपना पोस्ट-कोरोना उपचार करवाना होगा, ताकि यह पता चल सके कि व्यक्ति डायबिटीज की चपेट में नहीं आया है।
दिल भी कमजोर हो सकता है
मैक्स के 10 ऐसे मामले सामने आए हैं, जिन्हें कोरोना ने ठीक किया है, लेकिन अब उन्हें दिल की बीमारी होने लगी है। बता दें कि वायरस शरीर की मांसपेशियों तक पहुंचकर दिल को नुकसान पहुंचा रहा है। बता दें कि हार्ट पंप करना बंद कर देता है। मैक्स के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ। विवेक कुमार ने कहा कि कोरोना से पीड़ित 10 प्रतिशत रोगियों को दिल से संबंधित बीमारी होने का खतरा है। कोविज से उबरने के बाद भी उन्हें दिल का दौरा पड़ने का खतरा है। ऐसे में जरूरी है कि पोस्ट कोविद का चेकअप हो, ताकि वह अलर्ट रह सके।

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