जानिए, क्या सोशल मीडिया मेंटल हेल्थ पर डाल रहा है बुरा असर?

आज के समय को सोशल मीडिया व Smart Phone (Social Media and Smartphone) का जमाना बोला जा सकता है। खासतौर पर कोरोना वायरस (Coronavirus) को रोकने के लिए जारी किए गए लॉकडाउन (Lockdown) में लोग सबसे ज्यादा सोशल मीडिया का प्रयोग कर रहे हैं। प्रातः काल होने के बाद व सोने से पहले तक हर इंसान सोशल मीडिया पर बिजी रहने लगा है। सोशल मीडिया का प्रभाव इंसान के ज़िंदगी में कई तरह से पड़ता है। ज्यादा सोशल मीडिया का प्रयोग करने से मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) भी प्रभावित होने कि सम्भावना है। डिजीटल मार्केटर व बिजनेस वुमेन बेली पार्नेल (Bailey Parnell) ने TED Talk में सोशल मीडिया व मेंटल हेल्थ पर बातें की। इंडियन एक्सप्रेस की समाचार के मुताबिक आइए जानते हैं कैसे सोशल मीडिया लोगों की मेंटल हेल्थ पर प्रभाव डाल सकता है व इससे बचने के लिए क्या करें।बेली ने बताया कि आज के समय में सोशल मीडिया नेगेटिविटी व इनसिक्योरिटी से भरा हुआ है। कई अध्यनों से पता चला है कि सोशल मीडिया का ज्यादा प्रयोग करने से एंग्जाइटी व डिप्रेशन का स्तर बहुत ज्यादा हद तक बढ़ सकता है। बेली ने बताया कि सोशल मीडिया पर 4 तरह की बातें कार्य करती हैं जो कि किसी भी इंसान के स्ट्रेस लेवल को बढ़ा सकते हैं। ये 4 प्वाइंट्स हैं-1. हाइलाइटेड होना बेली के अनुसार सोशल मीडिया पर लोग इस बात से असुरक्षित महसूस करने लगते हैं कि वह दूसरों से कम हाइलेट क्यों हो रहे हैं। वह सोशल मीडिया पर उपस्थित अपने दोस्तों, संबंधियों व यहां तक कि अनजान लोगों से भी खुद की तुलना करने लगते हैं। इसी के चलते मेंटल हेल्थ प्रभावित होने लगता है। 2. सोशल करेंसी यानी लाइक्स व कमेंट्स बेली ने बताया कि सोशल मीडिया पर लोग लाइक्स व कमेंट्स को लेकर भी खूब अटेंटिव रहते हैं। लोग ये मान लेते हैं कि सोशल मीडिया पर मिलने वाले लाइक्स व कमेंट्स ही उनकी जिंदगी का उचित या अनुचित बता सकते हैं। इसके अतिरिक्त उनके पोस्ट के शेयर भी उनकी सोच को प्रदर्शित कर सकती है। इसके चलते लोग मेंटल प्रेशर से गुजरने लगते हैं।3. फोमो (फियर ऑफ मिसंग आउट) बेली के अनुसार सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा भय लोगों को पीछे रह जाने या मिस हो जाने का होता है। वह हमेशा इस बात को लेकर स्ट्रेस में रहते हैं कि कहीं उन्होंने कहीं कोई ट्रेंडिंग टॉपिक मिस तो नहीं कर दिया जो कि उनके जानने वाले सभी लोगों को पता हो। ऐसे में मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है।4. औनलाइन हैरेसमेंट कई बार लोगों को सोशल मीडिया पर औनलाइन हैरेसमेंट का शिकार भी होना पड़ता है। दरअसल लोग सोशल मीडिया पर लोगों के डार्क साइड को लेकर ज्यादा चर्चाएं करते हैं। ऐसे में स्ट्रेस लेवल बहुत ज्यादा दह तक बढ़ सकता है।इसे भी पढ़ेंः सोशल मीडिया के ज्यादा प्रयोग से मेंटल हेल्थ प्रभालित न हो इसके लिए बेली ने कुछ सेफ्टी टिप्स बताए। उनके अनुसार सबसे पहले अपनी समस्याओं का निवारण करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। मेंटल हेल्थ को ठीक रखने के लिए कठिनाई क्या है व इसे कैसे सुलझाया जा सकता है ये जानना बहुत महत्वपूर्ण होता है। बेली ने बोला कि सोशल मीडिया पर लोग जो कह रहे हैं या फिर बता रहे हैं उसे एक सुझाव के तौर पर लें। उसे ही ज़िंदगी का लक्ष्य न मान लें। इसके अतिरिक्त कई चीजों को लेकर जागरूकता भी बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने सोशल मीडिया डाइट को सुधारने की भी बात कही यानी सोशल मीडिया पर उन्हीं चीजों को अनुसरण करें जिनकी आपको आवश्यकता है। बाकी बेकार की चीजों पर ध्यान न देना ही मेंटल हेल्थ के लिए उचित होता है।जैसे लोग अपने शारीरिक हेल्थ के लिए अच्छा डाइट लेते हैं अच्छा वैसे ही मानसिक हेल्थ के लिए अच्छी डाइट (बातों) की आवश्यकता पड़ती है। दिमाग व दिल में चल रही बातों का स्वस्थ होना बहुत महत्वपूर्ण होता है। वहीं बेली ने बताया कि एक अच्छा औनलाइन एक्सपीरियंस भी मेंटल हेल्थ में सुधार करता है व एक मॉडल गुड बीहेवियर बनाता है। बैले की मानें तो सोशल मीडिया हमेशा मेंटल हेल्थ पर बुरा असर नहीं डालता। कभी यह दुखी करता है तो कभी आपको हंसने पर भी विवश कर सकता है।

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