कोरोना वायरस का प्रकोप बिल्कुल भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। चीन से निकली इस खतरनाक बीमारी से दुनियाभर में अब तक 26,475,568 लोग संक्रमित हो गए हैं और 873,285 लोगों की मौत हो चुकी है। फिलहाल कोरोना का कोई इलाज नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि कई वैक्सीन का ट्रायल अंतिम चरण में और अगले साल तक कोई प्रभावी टीका आ सकता है।
भारत में कोविड-19 ने तबाही मचा रखी है। देश में इस महामारी की चपेट में अब तक 3,936,747 लोग संक्रमित हो गए हैं और 68,569 लोगों की मौत हो गई है। कोरोना के कुल मामलों की संख्या में भारत जल्द ही दूसरे स्थान पर आने वाला है।
इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है और सावधाने ही बचाव है। कोरोना के लक्षण सर्दी, फ्लू और एलर्जी की तरह हैं जिन्हें लोग नहीं समझ पा रहे हैं। यही वजह है कि जब तक कोई प्रभावित व्यक्ति की रिपोर्ट आती है तब तक उससे कई लोग संक्रमित हो चुके होते हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की एक महिला को कोरोना पॉजिटिव हुआ था हालांकि इलाज के बाद वो सही हो गई है। उस महिला का नाम बजोंडा हलीती है। उसने बीमारी के लक्षण, डॉक्टर के पास जाने की जरूरी कब हुई आदि के बारे में अपने अनुभव साझा किये हैं ताकि लोगों को इस बीमारी के बारे में समझने में ज्यादा मदद मिल सके।
पहला दिन उसने बताया कि उसे पहले दिन हल्की सूखी खांसी और गले में खराश महसूस हुई।
दूसरा दिन सिर में भारीपन महसूस होने लगा। बेचैनी से बचने के लिए मुझे धीरे-धीरे खांसी। उस रात, मुझे ठंड लग गई और बुखार हो गया। इसके अलावा मुझे आंखों में दर्द महसूस हो रहा था जोकि मेरे लिए एक अजीब लक्षण था।
तीसरा दिन मुझे थकान और सुस्ती महसूस होने लगी। मइस दिन मैं केवल सो रही थी और अभी भी बुखार था। यहां मुझे सूखी खांसी, माइग्रेन, बुखार, ठंड लगना, कुछ मतली जैसे लक्षण महसूस हुए। मैंने डॉक्टरों के पास जाने का फैसला किया और फ्लू कस टेस्ट निगेटिव आया।
चौथा दिन इस दिन अधिक बुखार नहीं था लेकिन एक नया लक्षण दिखा: सांस की तकलीफ। यह असुविधाजनक था, ऐसा महसूस हुआ कि मेरे सीने पर ईंटें लगी हैं।
पांचवा दिन इस दिन गले में खराश, खांसी और सांस की तकलीफ बढ़ गई थी। मैं उसी डॉक्टर के पास गया और मैं परीक्षण करवाया। छाती के एक्स-रे भी करवाया, जोकि नॉर्मल आया।
छठा दिन मैंने एंटीबायोटिक और इबुप्रोफेन लेना शुरू कर दिया था जबकि लक्षण अभी तक बने हुए थे जिसमें गले में खराश, खांसी, सांस की तकलीफ शामिल है। हालांकि मेरा एनर्जी लेवल बढ़ने लगा था।
सातवां दिन इस दिन तक गले में खराश, हल्की खांसी, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण बने हुए थे हालांकि ऊर्जा का स्तर बढ़ रहा था।
आठवां दिन इस दिन तक हल्की खांसी थी लेकिन सिरदर्द से राहत मिल चुकी थी। ऊर्जा का स्तर बढ़ने लगा था।
नौवां दिन मेरी खांसी थोड़ी भारी थी लेकिन ऊर्जा का स्तर नॉर्मल था।
दसवां दिन इस दिन हल्की खांसी, बलगम, ऊर्जा में कमी महसूस हो रही थी और मेरा टेस्ट रिजल्ट आ चुका था जोकि पॉजिटिव था।
इस महिला ने कोरोना से बचने के कुछ उपाय भी बताए हैं जो इस तरह हैं। डॉक्टर द्वारा सुझाए गए उपाय के अनुसार मैं बिल्कुल अलग रह रही हूं जो इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए जरूरी है। हाइड्रेटेड रहने के लिए खूब तरल पदार्थों के सेवन कर रही हूं। इसके लिए पानी सबसे महत्वपूर्ण है।