केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने टोल शुल्क के डिजिटल व आईटी-आधारित भुगतान को बढ़ावा देने के लिये एक दिसंबर 2017 से पहले बेचे गये पुराने वाहनों के लिये फास्टैग (FASTAG) अनिवार्य करने का प्रस्ताव किया है, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी।मंत्रालय ने कहा कि इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की गयी है और जैसे ही नियमों में संशोधन हो जाता है, एक जनवरी 2021 से पुराने वाहनों के लिये फास्टैग अनिवार्य हो जायेगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि एक दिसंबर 2017 से पहले बेचे गये पुराने वाहनों के लिये फास्टैग अनिवार्य किये जाने को लेकर एक मसौदा अधिसूचना जारी की गयी है और सभी संबंधित पक्षों से टिप्पणियां मांगी गयी है। केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 में संशोधित प्रावधान को एक जनवरी 2021 से लागू करने का प्रस्ताव है. सरकार ने तीसरा पक्ष का नया बीमा पाने के लिये भी वैध फास्टैग को अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव रखा है,इसे एक अप्रैल 2021 से लागू करने का प्रस्ताव है।
राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क प्लाजा पर समस्त छूट प्राप्त करने के लिए फास्टैग अनिवार्यसड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने देश के सभी राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क प्लाजा पर वापसी यात्रा छूट या कोई भी अन्य छूट के लिए ‘फास्टैग’ का उपयोग पिछले महीने अनिवार्य कर दिया था इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गयी थी. अधिसूचना के मुताबिक जो भी वाहन चालक 24 घंटे के भीतर वापसी यात्रा की छूट अथवा किसी अन्य स्थानीय छूट के लिए दावा करते हैं तो उनके वाहन पर पर एक वैध ‘फास्टैग’ लगाना अनिवार्य है. यह राष्ट्रीय राजमार्गों के शुल्क प्लाजा पर डिजिटल भुगतान के उपयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक और अहम कदम है,इस तरह की छूट प्राप्त करने के लिए शुल्क का भुगतान केवल प्री-पेड तरीकों, स्मार्ट कार्ड या ‘फास्टैग’ इत्यादि के जरिए किया जाएगा।उपर्युक्त संशोधन से यह भी संभव होगा कि जिन मामलों में 24 घंटे के भीतर वापसी यात्रा के लिए छूट उपलब्ध है, उनमें पहले की रसीद या सूचना की कोई आवश्यकता नहीं होगी और संबंधित नागरिक को छूट अपने-आप मिल जाएगी।इसके लिए जरूरी होगा कि वापसी यात्रा 24 घंटे के भीतर निश्चित रूप से हो जाए एवं संबंधित वाहन पर एक काम करने वाला वैध‘फास्टैग’ लगा हो।
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