जयपुर, आज के समय जनसंख्या के बढ़ने के कारण यातायात भी बढ़ रहा है। रोज कई किलोमीटर तक लाल बतियों पर जान लगा रहता है। लोग अपने अपने काम कर जाने का इंतजार करते रहते है। ट्रेफिक पुलिस के हाथों के इशारों पर ही गडिया बत्ती से रवाना होती है।
लेकिन आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहे है जो रोज 32 सालों से सुबह 9 बजे से रात 10 बजे तक बिना तनख्वा से सीमलपुर लाल बत्ती पर यातायात पुलिस जेसी वर्दी पहनकर रास्ता साफ करवाते है। इस समय जब सब कोरोना के डर से घरों में ही रह रहे हैं।
जब तक कोई जरूरी काम न हो कोई घर से बाहर नहीं निकल रहा, ऐसे हालातों में भी 72 वर्षीय गंगाराम अपने इरादों पर अडिग हैं। जबकि सरकार ने बुजुर्गों को तो विशेषकर घर के अंदर रहने की हिदायत दी है बावजूद इसके गंगाराम यह काम कर रहे हैं। बताया जाता है कि गंगाराम की पहले टीवी रिपेयर की दुकान थी।
लेकिन सीलमपुर चोराहे पर उनके जवान बेटे की मौत हो गई। बेटे की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी भी गुजर गई, जिसके बाद गंगाराम पूरी तरह अकेला हो गए। अब परिवार में बहु व पोता-पोती हैं। बेटे की मौत ने उनके इरादों को और पक्का कर दिया,
फिर उन्होंने निश्चय ही कर लिया था कि अब जब तक उनके प्राण हैं वह यहीं यातायात सेवा देंगे ताकि किसी और के घर का चिराग न बुझ जाए। गंगाराम को हर वर्ष 15 अगस्त व 26 जनवरी को पुलिस व अन्य सामाजिक संगठनों की ओर से ढेरों मेडल व प्रशस्ति पत्र मिल चुके हैं।