कुछ सालों बाद किसी भी विद्यार्थी को नहीं पड़ेगी एक भी किताब पढ़ने की जरूरत है ना ही जाना पड़ेगा स्कूल, इस कंपनी ने खोज ली है बिना पढ़े सब कुछ सीखने की तकनीक

नई दिल्ली: दुनिया टेक्नोलॉजी के मामले में काफी तरक्की कर चुकी है लेकिन हमें आज भी सब कुछ पढ़ के और रतकर ही याद करना पड़ता है। ऐसे में इतनी सारी टेक्नॉलॉजी होने के बावजूद भी हम लोग आग से हजारों साल पुरानी तकनीक से ही हर चीज को समझा करते हैं। यह सपना काफी बच्चों का रहा है कि काश उन्हें कभी पढ़ाई ना करनी पड़ती लेकिन अभी तक यह सपना साकार होता नजर नहीं आ रहा था। 

लेकिन इतनी सालों की जद्दोजहद के बाद आखिरकार एलन मस्क की कंपनी न्यूरो लिंक नामक एक सिक्के के आकार की चिप बनाने में सफल हो गई है जिसके माध्यम से हम लोग मात्र 1 घंटे की ऑपरेशन के बाद अपने दिमाग के अंदर उसको लगवा सकेंगे। आपको बता दें कि इस चिप को लगाने के बाद हम लोग इंटरनेट और टेक्नोलॉजी की हर क्षेत्र से अपने दिमाग को जोड़ सकेंगे। इस चिप में 124 तारे होंगी जिन्हें चैनल्स कहा जाएगा और यह तारे रोबोट द्वारा दिमाग के अंदर हरेक हिस्से में जोड़ दी जाएंगी जिससे कि वह चीफ हम लोगों के दिमाग में चल रहे हर गतिविधि पर नजर रखेगा और हमारे सोचते ही उसे आप जिस स्क्रीन पर लाना चाहे वहां ला कर रख देगा। 
बिना पढे दिमाग में डाउनलोड हो जाएगी हर चीज
इतना ही नहीं बल्कि यदि आप अपने मन में किसी चीज का जवाब जैसे ही सोचेंगे वैसे ही उस चिप के माध्यम से इंटरनेट पर उपलब्ध हर जवाब आपकी नजरों के सामने होगा। आपको बिल्कुल वैसा ही लगेगा जैसे कि आपने कभी न कभी उस चीज को परेशान है लेकिन वह उचित के माध्यम से आपके दिमाग में प्रवेश कर जाएगा और आपको हर जवाब दिखने लगेगा।
शुरुआती स्टेज में पैरालाइज लोगों पर इस्तेमाल करने की मिली इजाजत
हम आपको बता दें कि अभी अमेरिकी संस्थान एसडीएनए इस चिप को पैरालाइज्ड पेशेंट्स पर उपयोग करने की अनुमति दी है जिससे काफी लोगों को पैरालाइसिस से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी। यह चीज एक कम्युनिकेटर के जैसे काम करेगा जो कि दिमाग में हो रही गतिविधि को हमारे दूसरे अंगों तक पहुंचाने में सक्षम होगा। आपको बता दें कि इसके लिए व्यक्ति के सिर और पैरालाइज्ड रंगों में दो अलग-अलग चिप लगाई जाएंगी जिससे कि पहला चीफ दूसरी चिप को डायरेक्ट सिगनल भेजेगा ना कि शरीर के माध्यम से जिससे कि दूसरे अंग में लगा हुआ चिप उससे जुड़े न्यूरॉन को सिग्नल भेजेगा जिससे कि बिना बीच में शरीर के आए हैं दिमाग की हर बात अंग तक लगातार पहुंचती रहेगी और व्यक्ति पहला इससे निजात पा सकेगा।

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