क्या आप जानते हैं मिट्टी से भी बढ़ा सकते है रोग प्रतिरोधक क्षमता

Prathvi chikitsa – आज के समय मे हम प्रकृति (Nature) से दूर होते जा रहे है । इसलिए आज कल हमारा इम्यून सिस्टम (रोग प्रतिरोधक क्षमता) कमज़ोर हो गया है । जिस से तरह तरह की रोग हो रहे है।

पंच तत्व चिकित्सा क्या है : Panch tatva kya hai?
हमारा शरीर पांच तत्वों से मिल कर बना होता है इनमे से एक तत्व है पृथ्वी। इन्ही पंच तत्व का उपयोग कर के पंच तत्व चिकित्सा होती  है, जो आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत कर आपको स्वस्थ रख ने में मदद करती है जिसमें से एक है पृथ्वी चिकित्सा या धरती चिकित्सा।
पृथ्वी चिकित्सा कैसे करें: Prathvi chikitsa kaise kare?
Prathvi chikitsa : .  .पृथ्वी चिकित्सा बहोत सरल विधि है जिसे आप अपने घर मे आराम से कर सकते है। प्राकृतिक चिकित्सा में धरती का अपना विशेष महत्व है उसमें बहोत से ऐसे गुण पाए जाते हैं जिनका हमारे शरीर मे बहोत लाभ होता है।
सम्यक् पृथ्वी तत्त्व (prathvi tatva) के सेवन हेतु स्वच्छ लॉन या धरती पर नंगे पैर टहलने, सोने तथा विचरने से माँ धरती की प्राणदायी शक्ति मिलती है जिससे शरीर की रोग से लड़ने की शक्ति में अप्रत्याशित वृद्धि होती है।
बीमारी की स्थिति में पेट, रीढ़, सिर आदि अंगों की मिट्टी की पट्टी, सर्वांग मिट्टी की लेप, मड स्विमिंग, मड मसाज, सैंड बाथ, मड बाथ आदि अवस्था के अनुसार दिया जाता है।
इन सभी पृथ्वी चिकित्सा (Prathvi chikitsa) का उपयोग कर प्रतिरक्षात्मक प्रणाली को मजबूत बनाकर स्वास्थ्य को सदैव स्वस्थ्य रखा जाता है।
उपयोग मे लेने वाली मिट्टी तलाब ,जलासय या खेतों की मिट्टी उपयोग करने के लिए आपको तीन फ़िट गहरे खोद कर ही उपयोग करना चाहिए या जहाँ खाद या फ़र्टिलाइज़र या उपयोग नही हुआ हो ।
एक बार जिस मिट्टी को उपयोग किया है। उसको दुबारा उपयोग करने से पहले उसको मिट्टी मे दुबारा मिला दिया जाता है। ताकि उसके अंदर मिट्टी के गुण आ जाएं और जो भी बैक्टीरिया या टॉक्सिन हैं, वो नष्ट हो जायें।
मिट्टी इतनी गुणकारी है कि आप इसके बारे में जितना भी पढोगे, उतना कम है।
Prathvi chikitsa ke labh : पृथ्वी चिकित्सा के क्या क्या लाभ है ?

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