सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को जुवेनाइल आरोपी भोलू (अदालत द्वारा दिया गया काल्पनिक नाम) की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी. सुप्रीम कोर्ट ने भोलू की जमानत याचिका खारिज करने की पहले की तीन अदालतों के फैसलों को बरकरार रखा.
आदेश पारित करते हुए जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस नवीन सिंह और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की तीन न्यायाधीशों वाली पीठ ने पाया कि किशोर न्याय अधिनियम की धारा 12 के तहत कोई आधार नहीं बन रहा है. पीठ ने कहा कि इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है. लिहाजा स्पेशल लीव पिटीशन खारिज की जाती है.
भोलू ने गुरुग्राम स्थित एक स्कूल में प्रिंस (बदला हुआ नाम) नाम के सात साल के बच्चे की बाथरूम में हत्या कर दी थी. शुरुआत में, स्कूल बस कंडक्टर को 7 साल के बच्चे की हत्या के आरोप में पकड़ा गया था. हालांकि बाद में जब मामला सीबीआई को सौंपा गया तो भोलू का नाम सामने आया.
इससे पहले, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने नाबालिग छात्र और बच्चे की हत्या मामले में मुख्य आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बरकरार रखा.
बता दें कि गुरुग्राम स्थित एक स्कूल में सितंबर 2017 में एक छात्र का शव बरामद किया गया था. शुरुआत में, स्कूल बस कंडक्टर को 7 साल के बच्चे की हत्या के आरोप में पकड़ा गया था. हालांकि बाद में, जब मामला सीबीआई को ट्रांसफर किया गया तो आरोपी भोलू के बारे में पता चल पाया था. भोलू को गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद वह 7 नवंबर, 2017 से हिरासत में ही है.