रोहतास। जिला में परवरिश योजना की धीमी प्रगति पर डीएम पंकज दीक्षित ने संज्ञान लिया है। समाज कल्याण विभाग की ओर संचालित परवरिश योजना की धीमी प्रगति पर खेद जताते हुए डीएम ने सभी सीडीपीओ को पत्र भेज आवश्यक निर्देश दिया है।
सीडीपीओ को भेजे गए पत्र में डीएम ने अपने स्तर से व्यक्तिगत अभिरुचि लेते हुए सभी आंगनबाड़ी केंद्र के प्रत्येक गांव का सर्वे कराकर तथा जिला से उपलब्ध कराए गए कुष्ठ रोग ग्रेड दो से जुड़े लोगों के परिवार का आवश्यक रुप से सर्वें करना है। डीएम ने सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को न्यूनतम दस लाभुकों को जोड़ने का टास्क सौंपा है। इस योजना के अंतर्गत स्वीकृत लाभुकों का अनुदान अब डीबीटी के माध्यम से किया जाता है। जिसमें 18 वर्ष तक के बच्चों के अभिभावक को प्रति माह एक हजार रुपया अनुदान दिया जाना है। योजना के अंतगर्त अनाथ एवं बेसहारा बच्चों, दु:साध्य रोग जैसे एचआईवी, एड्स व कुष्ठ रोग से पीड़ित बच्चों एवं इन रोगों के कारण दिव्यांगता के शिकार माता-पिता के संतान को बेहतर पालन -पोषण के लिए यह अनुदान दिया जाता है। डीएम ने अपने पत्र में कहा है कि सामाजिक सुरक्षता प्रदान करने के लिए सरकार की ओर से दिए जाने वाले इस अनुदान के समय से नहीं मिलने के कारण वैसे बच्चों की परवरिश करने में अभिभावकों को कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। डीएम ने इस बात पर भी चिता जताई है कि लाभुक की योग्यता समाप्त होने पर स्वीकृति आदेश की तिथि से एरियर के रुप में बड़ी राशि के भुगतान होने से राशि का खर्च बच्चों के हित में न कर अभिभावक अन्य मद्द में भी करेंगे। जो नियम विरुद्ध् होगा।
Posted By: Jagran
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