भूलकर भी न करें ये गलतियां, पितर हो सकते हैं नाराज

सनातन धर्म में पितृपक्ष का समय पितरों के तर्पण और श्राद्ध के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस समय लोग अपने पितरों को याद करके उनसे आशीर्वाद लेते हैं। पितृपक्ष भादप्रद मास की पूर्णिमा तिथि से आरंभ होकर अश्विन मास की अमावस्या तक रहता है। पितृपक्ष में 16 दिन होते हैं। इसबार पितृपक्ष का समय 2 सितंबर से आरंभ होकर 17 सितंबर तक रहेगा। इस दौरान कोई भी ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए, जिससे आपके पितर आपसे नाराज हो जाएं। जानते हैं कि पितृपक्ष में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

सनातन धर्म में पितृपक्ष का समय पितरों के तर्पण और श्राद्ध के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस समय लोग अपने पितरों को याद करके उनसे आशीर्वाद लेते हैं। पितृपक्ष भादप्रद मास की पूर्णिमा तिथि से आरंभ होकर अश्विन मास की अमावस्या तक रहता है। पितृपक्ष में 16 दिन होते हैं। इसबार पितृपक्ष का समय 2 सितंबर से आरंभ होकर 17 सितंबर तक रहेगा। इस दौरान कोई भी ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए, जिससे आपके पितर आपसे नाराज हो जाएं। जानते हैं कि पितृपक्ष में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

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