कोरोना वायरस महामारी के बाद घट सकती है फर्टिलिटी, कम पैदा होंगे बच्चे!

दुनियाभर में कोरोना वायरस से फैली इस महामारी ने लोगों की जिंदगी पूरी तरह से बदल दी है. पूरी दुनिया में लाखों लोगों की मौत कोविड-19 की वजह से हो चुकी है. लाखों लोग अभी भी इस वायरस के संक्रमण से प्रभावित हैं. जबकि लाखों लोग इस वायरस के खतरे से मेंटली और फिजिकली प्रभावित हो रहे हैं. अलग अलग देशों में हुए लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है. पूरी दुनिया आर्थिक मंदी की मार झेल रही ही. लाखों लोगों की नौकरी चली गई, व्यापार पूरी तरह से ठप हैं, स्कूल कॉलेज बंद हैं. लगभग हर देश के हर वर्ग को कोरोना वायरस महामारी ने प्रभावित किया है.

अब एक नए रिसर्च ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. इस शोध में खुलासा हुआ है कि कोरोना वायरस के खत्म होने के बाद फर्टिलिटी कम होगी और पूरी दुनिया में कम बच्चे पैदा होंगे. हालांकि कई रिसर्च में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि साल 2020 के अंत में 'बेबी बूम' आएगा. लॉकडाउन के दौरान बहुत सारे लोगों ने फैमिली प्लानिंग की है. जिसका असर इस साल के अंत में नजर आएगा. नए रिसर्च में फर्टिलिटी कम होने की कई वजह बताई गई हैं. जिसका असर आने वाले कुछ सालों में नजर आएगा.
आर्थिक मंदी होगी वजहमेडिकल जर्नल साइंस में हुए रिसर्च में खुलासा हुआ है कि आने वाले कुछ सालों में पूरी दुनिया में कोरोना महामारी का असर अलग-अलग तरीके से नजर आएगा. महामारी खत्म होने के बाद पूरी दुनिया में फर्टिलिटी रेट कम होगा. इसकी वजह आर्थिक मंदी को माना जा रहा है. रिसर्च में कहा गया है कि कोरोना वायरस जब खत्म होगा, तब तक दुनिया की अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी. लोगों के पास नौकरी नहीं होगी, व्यापार ठप हो जाएंगे. ऐसे में बच्चे पालना बड़ी चुनौती होगा. यही वजह है कि पूरी दुनिया में फर्टिलिटी घटने का अनुमान लगाया जा रहा है.
विकसित देशों पर होगा ज्यादा असर रिसर्च में शामिल इटली के एक प्रोफेसर का कहना है कि इस तरह का अनुमान लगाना बहुत कठिन होता है. लेकिन फिलहाल ये लगता है कि हाई इनकम वाले देशों पर थोड़े समय के लिए फर्टिलिटी रेट का असर जरूर पड़ेगा. इतिहास बदल सकता है कोरोनाइससे पहले जब-जब भी युद्ध में ज्यादा लोगों की मौत हुई है. तब-तब दुनियाभर में ज्यादा बच्चे पैदा हुए हैं. इसी तरह किसी भी महामारी के दौरान जब ज्यादा लोगों की मौत होती है. उसके बाद ज्यादा बच्चे पैदा होते हैं. स्पैनिश फ्लू के दौरान भी खूब बच्चे पैदा हुए. लेकिन अब कोरोना महामारी में इसके विपरीत परिस्थिति नजर आ रही हैं. इस ट्रेड को कोरोना तोड़ सकता है. और कहा जा रहा है कि महामारी के बाद कम बच्चे पैदा होंगे. क्यों कम होगी फर्टिलिटी 1 लोगों की आर्थिक हालत खराब हो रही है. पैसे की तंगी झेलनी पड़ रही है. 2 परिवार में मेडिकल खर्चे बढ़ गए हैं. बच्चों के पालन-पोषण पर इसका असर पड़ रहा है. 3 स्कूल, कॉलेज बंद होने की वजह से बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही है. 4 पब्लिक पॉलिसी और हेल्थ सुविधाओं की कमी की वजह से भी लोग बच्चे कम पैदा करेंगे. 5 बाहर निकलने और हॉस्पिटल, डॉक्टर्स के पास जाने से लोग डर रहे हैं. Chanakya Niti: शत्रु को कभी कमजोर न समझें. चाणक्य की इन बातों को हमेशा ध्यान में रखें

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