मोटापा और डायबिटीज कंट्रोल करना है तो शुगर-फ्री डाइट लेना शुरू करें, रोजाना 350 कैलोरी से अधिक शक्कर लेने से बढ़ता है बीमारियों का खतरा

शुगर फ्री डाइट का चलन बढ़ रहा है। कारण बढ़ता मोटापा, डायबिटीज के रोगी और बिगड़ता मेटाबॉलिज्म है। बिना चीनी वाला भोजन कई तरह की बीमारियों से भी बचाने के साथ वजन कंट्रोल रखता है। इस डाइट में ज्यादातर फूड पोषक तत्व से भरपूर होने के साथ नेचुरल सोर्स से जुड़े होते हैं।

हर साल 1-7 सितंबर के बीच नेशनल न्यूट्रिशन वीक मनाया जाता है। इस साल की थीम है 'ईट राइट, बाइट बाइ बाइट'। इस थीम के मुताबिक ऐसे फूड को डाइट में शामिल करना है जो सेहत के लिए सही हों। न्यूट्रिशनिस्ट सुरभि पारीक बता रही हैं, क्या है शुगर फ्री डाइट और यह कैसे काम करती है।
क्या है शुगर-फ्री फूड शुगर-फ्री भोजन का मतलब है कि उसमें जरूरत से ज्यादा चीनी का न होना। इसमें सिंपल कार्बोहाइड्रेट भी शामिल है। रोजाना 350 कैलोरी से अधिक शुगर लेने से मोटापा, मधुमेह और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा जरूरत से ज्यादा शुगर लेना शरीर के इम्यून सिस्टम को भी कमजोर बनाता है। आम चीनी में सिंपल कार्बोहाइड्रेट होते हैं। ये जल्दी पचते हैं और तुरंत खून में चले जाते हैं। इससे ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है।
कुछ लोग सोचते हैं कि शुगर-फ्री भोजन का अर्थ है हर तरह की चीनी लेना बंद कर देना। लेकिन ऐसा नहीं है। सिर्फ अतिरिक्त शक्कर या अधिक शुगर वाले प्रोडक्ट को लेने से बचना है।
कैसे करती है काम शुगर-फ्री डाइट शुगर-फ्री भोजन करने से ब्लड शुगर में अचानक बदलाव नहीं आता। इन्हें लेने से मैटाबोलिक रेट में सुधार होता है और आप पेट भरा हुआ महसूस करते हैं। आप के शरीर में प्रोटीन और वसा से ऊर्जा पैदा होती है। इससे धीरे-धीरे वजन भी कम होने लगता है। ऐसे भोजन में कई खाने वाली चीजों को पूरी तरहबंद कर दिया जाता है। कुछ को ही शामिल किया जाता है। खट्टे फल ज्यादा खाए जाते हैं।
क्या खाएं
क्या न खाएं
शुगर-फ्री भोजन के फायदे

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