वास्तु शास्त्र के हिसाब से इस दिशा में घड़ी लगाने के नियम, आर्थिक नुकसान ना हो जाए तुरंत जान ले इन नियमों के बारे में

वास्तु शास्त्र घर, प्रासाद, भवन अथवा मन्दिर निर्मान करने का प्राचीन भारतीय विज्ञान है जिसे आधुनिक समय के विज्ञान आर्किटेक्चर का प्राचीन स्वरुप माना जा सकता है। वास्तु शास्त्र (Vastu) में घर के हर कोने में रखी हुई चीजें और उनकी दिशा को लेकर कई तरह के नियम बताए गए हैं. मान्यता है कि इन नियमों का पालन करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और जीवन खुशी भरे माहौल में बीतता है. घरों में लगी हुई घड़ी (Wall Clock) के बारे में वास्तु शास्त्र का कहना है कि अगर इसे गलत दिशा में लगाया जाता तो घर में तमाम तरह की परेशानियां आने लगती हैं. घर में लगी गलत तरह की घड़ी से शारीरिक, मानसिक और आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है. आइए जानते हैं घर पर घड़ी लगाने की सही दिशा और इसके फायदों के बारे में. -वास्तु के अनुसार घर की दीवारों या टेबल पर रखी हुई घड़ी कभी भी बंद नहीं होनी चाहिए. कहते हैं कि इससे जिंदगी में उन्नति के रास्ते भी बंद हो जाते हैं और मुसीबतें बढ़ने लगती हैं. घड़ी को हमेशा चालू अवस्था में ही रखें. -वहीं वास्तु अनुसार घड़ी के शीशे में किसी भी तरह की कोई टूट-फूट नहीं होनी चाहिए. यह दुर्भाग्य का सूचक है. नकारात्मकता को दूर करने के लिए घर पर मौजूद टूटी-फूटी घड़ी को दूर कर देना चाहिए या तुरंत शीशे बदलवा देने चाहिए.-वास्तु के अनुसार घड़ी को पूर्व या उत्तर दिशा की दीवार पर लगाना शुभ माना जाता है. पूर्व या उत्तर दिशा सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होती हैं. इन दिशाओं में घड़ी लगाने से लोगों को शुभ-लाभ और समृद्धि मिलती है और उन्नति के नए-नए मार्ग प्रशस्त होते हैं. -घर में दक्षिण दिशा में घड़ी लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव सबसे ज्यादा रहता है. ऐसा करने से घर में परिवार के सदस्यों की प्रगति थम जाती है. घर में काले, नीले और लाल रंग की घड़ी नहीं लगानी चाहिए बल्कि हल्के हरे और पीले रंग की वास्तु के अनुसार शुभ है.

अन्य समाचार