स्तन कैंसर का होने कि सम्भावना है निदान, पढ़े पूरी खबर

लाल रक्त चंदन के बीज में स्तन कैंसर विरोधी तत्व पाए जाते हैं. दुनिया का पहला व बिहार के नए शोध में इस बात की जानकारी सामने आयी है. अनुग्रह नारायण कॉलेज, पटना के पीएचडी के विद्यार्थी विवेक अखौरी द्वारा महावीर कैंसर संस्थान व अनुसंधान केन्द्र में किये गए स्तन कैंसर से संबंधित शोध में यह बात सामने आयी है.

अध्ययन की प्रक्रिया में सामने आए नए तथ्य अध्ययन में विवेक अखौरी ने कार्सिनोजेन रासायनिक डीएमबीए को प्रेरित करके चार्ल्स फोस्टर चूहों में स्तन ट्यूमर मॉडल विकसित किया. स्तन ट्यूमर के विकास के बाद, 5 हफ्ते के लिए लाल रक्त चंदन के बीज के साथ चूहों का उपचार किया. ट्यूमर की मात्रा में जरूरी कमी देखी गयी व यह धीरे-धीरे खत्म हो गया. यह लाल रक्त चंदन के बीज के माध्यम से दुनिया में किया गया पहला अध्ययन है. इस शोध को 22 अगस्त 2020 को सेज जर्नल ऑफ ब्रेस्ट कैंसर: बेसिक एंड क्लिनिकल रिसर्च (यूएसए) में प्रकाशित भी किया गया है.
वैश्विक कैंसर संगठन ग्लोबोकॉन (जीएलओबीओसीएएन) 2018 के अनुसार, स्तन कैंसर का अब निदान किया जा सकता है. स्तन कैंसर हिंदुस्तान में स्त्रियों में कैंसर से संबंधित मौत का सबसे सामान्य कारण है. स्त्रियों में सभी नए कैंसर मामलों में अनुमानित मौत दर 27.7 प्रतिशत (1,62,468) है जबकि 2018 में 23.45 प्रतिशत (87,090) स्त्रियों की कैंसर से मौत हुई थी.
बिहार के पटना स्थित महावीर कैंसर संस्थान में भी 25 हजार के कुल कैंसर के मामलों में से लगभग 23.5 प्रतिशत (5,875) स्तन कैंसर के हैं. स्तन कैंसर के एटियलॉजी में उम्र, वंशानुगत कारक, प्रजनन कारक, एस्ट्रोजन के लिए लंबे समय तक संपर्क, स्तनपान की कमी व ज़िंदगी शैली से जुड़े अन्य कारक शामिल हैं. इन जोखिम कारकों के अतिरिक्त कुछ पर्यावरणीय कारक भी हैं जो स्तन कैंसर के विकास में सहयोग करते हैं.
इस अध्ययन टीम में महावीर कैंसर संस्थान के सीनियर वैज्ञानिक डाक्टर अरुण कुमार और गाइड डाक्टर मनोरमा कुमारी शामिल थीं. अध्ययन में टीम में डाक्टर अरुण ने बताया कि उन्होंने चंदन के बीज झारखंड में देखे थे व उसे एकत्र कर लाये थे. इस शोध में बिल्कुल नयी बात उभर कर सामने आयी है.

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