कमर में दर्दकी समस्या से छुटकारा दिलाता है ये उपाय

सियाटिक नर्व रीढ़ (कमर) से निकलने वाली स्पाइनल नर्व से मिलकर बनती है. यह पैर की मांसपेशियों को कंट्रोल करती है व पैरों में दर्द/छूना/तापमान/कंपन संबंधी सूचना स्पाइनल कॉर्ड तक पहुंचाती है.

इससे जुडऩे वाली स्पाइनल नर्व पर किसी प्रकार का दबाव आता है तो इससे कमर में दर्द होता है जो कि पैर में करंट की तरह महसूस होता है इसे सियाटिका(आम बोलचाल में साइटिका) कहते हैं.
लक्षण: कमर में दर्द रहना, एक पैर में सुन्नपन रहना, पंजे में कमजोरी आना, एक पैर में पंजे तक दर्द जाना, पेशाब करने में तकलीफ. इलाज : अगर सियाटिका का कारण स्लिप ***** है तो इसका उपचार माइक्रोलम्बर डिसकेक्टमी से होता है. इस तकनीक में मात्र एक या डेढ़ इंच का चीरा कमर में लगाया जाता है व जो नस दबी होती है केवल उसी के इर्द-गिर्द की छोटी हड्डी व ***** को माइक्रोस्कोप की सहायता से हटाया जाता है. इससे रीढ़ की हड्डी की बनावट में कुछ परिवर्तन नहीं आता व मरीज को ऑपरेशन के बाद दर्द से छुटकारा मिल जाता है. इससे पहले बड़े चीरे से ऑपरेशन किया जाता था व अधिक मात्रा में हड्डी वडिस्क निकाली जाती थी जिससे रीढ़ में विकार आने की संभावना रहती थी. ऐसे आदमी जिन्हें कमर व पैर में दर्द रहते हुए छह हफ्ते से अधिक हो गए हों तथा जिन्हें आराम और दर्द निवारक दवाओं से विशेष आराम नहीं आया हो, माइक्रोलम्बर डिसकेक्टमी से उपचार करा सकते हैं. माइक्रोलम्बर डिसकेक्टमी के लिए उपयुक्त वहडिस्क होती है जो कि बीचों-बीच न होकर एक किनारे पर हो. प्रमुख कारण- स्लिपडिस्क के कारण दबाव. स्पाइनल कैनाल का सिकुडऩा. रीढ़ की हड्डी में वर्टिब्रा का एक दूसरे पर खिसकना.

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